सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव को नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव को नोटिस जारी किया मामला “भ्रामक दावों” से जुड़ा हुआ है जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने baba ramdev को नोटिस जारी किया है/ सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस में पूछा क्यों ना कोर्ट की अवमानना के तहत मुकदमा चलाया जाए/
पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बालकृष्ण को भी कारण बताओं नोटिस जारी किया था/ यही नहीं कोर्ट ने केंद्र को निर्देश भी दिए थे कि वह baba ramdev और बालकृष्ण के उस विज्ञापन पर जोकी पतंजलि के तहत आता है उसके खिलाफ उठाए गए कदमों पर अदालत को स्पष्टीकरण दें/
यानी की सफाई दें जिसमें कहा गया है मधुमेह, बीपी, थायराइड, अस्थमा, ग्लूकोमा और गठिया आदि जैसी बीमारियों से “स्थायी राहत, इलाज और उन्मूलन” का दावा किया गया था।सुप्रीम कोर्ट का रुख काफी सख्त नजर आ रहा है इस बार /सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ कहा है कि बालकृष्ण को अदालत में अगली सुनवाई पर पेश होना होगा/
यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दो हफ्ते का वक्त दिया है/ दो हफ्ते में केंद्र को सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करना होगा/ सुप्रीम कोर्ट ने baba ramdevके पतंजलि प्रोडक्ट में जो की आयुर्वेदिक है उसमें दावा किया गया था की उनके पास अचूक इलाज है मधुमेह, बीपी, थायराइड, अस्थमा, ग्लूकोमा और गठिया आदि इन बीमारियों का /
सुप्रीम कोर्ट ने baba ramdev को पतंजलि आयुर्वेद के प्रमुख विज्ञापनों पर उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही में कारण बताओं नोटिस का जवाब नहीं करने पर व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने का निर्देश किया है/ यानी कि अगर बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट के अवमानना वाली कारण बताओं नोटिस पर अगर जवाब दाखिल नहीं किया तो उन्हें पर्सनली अदालत में आना पड़ेगा/
बाबा रामदेव की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी है
वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि अगर कोर्ट ने कुछ देखा है तो उसे आदेश में लिखवाए कानून का उल्लंघन कोर्ट की अवमानना नहीं होती/
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने कारण बताओं नोटिस जारी किया है और उन्हें आने दीजिए अपने जारी किए गए नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि कोर्ट के नवंबर के आदेश के बाद भी रामदेव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी/ इस सिलसिले में यह कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है/
Appreciable style of writing
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