कोरोना संक्रमण को देखते हुए पांच राज्यों में होने वाले चुनाव पर चुनाव आयोग के तेवर सख्त नजर आ रहे हैं..
पांच राज्यों में चुनावी बिगुल बज चुका है यूपी में 7 चरणों में, मणिपुर में दो, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा में 1 चरणों में मतदान होना है और 10 मार्च को मतगणना होगी लेकिन चुनाव आयोग के तेवर सख्त नजर आ रहे हैं कोरोना संक्रमण को देखते हुए..
कोरोना संक्रमण को देखते हुए चुनाव आयोग ने नामांकन के दौरान होने वाली भीड़ को भी पूरी तरह से सीमित करने का प्रयास किया है। अब प्रत्याशी के साथ सिर्फ दो लोग ही नामांकन के लिए रिटर्निंग आफिसर के पास जा सकेंगे। पहले पांच लोगों को प्रत्याशी के साथ जाने की अनुमति थी, लेकिन अक्सर देखने को मिलता था कि प्रत्याशी भारी भीड़ लेकर नामांकन करने पहुंचते थे। फिलहाल आयोग ने इस पर सख्ती दिखाने का फैसला लिया है।
भीड़भाड़ से बचाव के लिए चुनाव आयोग ने नामांकन प्रक्रिया को आनलाइन भी किया है.. अब राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और जिला निर्वाचन अधिकारियों की वेबसाइट पर भी नामांकन फार्म उपलब्ध होंगे जहां से प्रत्याशी उसे डाउनलोड कर सकते हैं। पहले जैसे नामांकन फार्म मिलते थे वैसे भी मिलेंगे..
शपथ पत्र और जमानत राशि भी आनलाइन ही जमा कर सकेंगे। इसके साथ ही राजनीतिक पार्टियों और प्रत्याशियों को चुनाव के दौरान यह अंडरटेकिंग देनी होगी, कि वह कोरोना के तय दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन करेंगे..चुनाव आयोग ने कोरोना से बचाव के लिए मतदान केंद्रों पर थर्मल स्कैनिंग के भी कड़े बंदोबस्त किए है.. किसी मतदाता के शरीर का तापमान यदि तय सीमा से ज्यादा पाया जाता है, तो उसे उस दौरान वोटिंग से रोका जा सकता है.. हालांकि इसके लिए उसका दोबारा थर्मल स्कैनिंग किया जाएगा.. यदि उनमें भी उसका तापमान तय सीमा से बढ़ा हुआ मिलता है, तो उसे एक टोकन देकर घर भेज दिया जाएगा.. उसे वोटिंग के अंतिम घंटे में आकर वोट डालने की अनुमति दी जाएगी..
चुनाव सर पर और कोरोना बेकाबू.
चुनाव की तारीख डिक्लेअर होते ही ऐसा लग रहा है कि चुनाव सर पर है और वहीं दूसरी तरफ कोरोना बेकाबू होता नजर आ रहा है.. देश में कोरोना तेजी से अपने पैर पसार रहा है.
देश में कोरोना संक्रमण में बहुत तेजी से वृद्धि हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में देश में 1.5 लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए। रविवार को 1,59,377 मामले दर्ज किए गए, जो शनिवार की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक हैं। वहीं पश्चिम बंगाल व महाराष्ट्र में संक्रमण दर सबसे ज्यादा है।