अमर उपाध्याय मिहिर बनने की फिर रखते हैं ख्वाहिश, ”क्योंकि सास भी कभी बहू थी” के रीमेक में.
अमर उपाध्याय मिहिर बनने की फिर रखते हैं ख्वाहिश.अमर उपाध्याय का किरदार अमर हो गया उनके नाम की तरह ही सीरियल ”क्योंकि सास भी कभी बहू थी” के साथ.उनकी ख्वाहिश है कि जब इस सीरियल का रीमेक बने तो वह दोबारा से मिहिर बनना चाहेंगे. उस आईकॉनिक कैरेक्टर को फिर से जीना चाहेंगे छोटे पर्दे पर.अमर का मानना है की अब अगर इस सीरियल का रिमेक बनता है तो यकीनन स्मृति ईरानी तो तुलसी का किरदार नहीं निभा सकती हैं क्योंकि अब वह एक मिनिस्टर बन चुकी हैं लेकिन वह जरूर अपने को पुराने किरदार में देखना पसंद करेंगे.
तकरीबन 22 साल पहले ”सास भी कभी बहू थी” सीरियल आया था जो कि सबसे लंबा चलने वाला डेली सोप था अपने वक्त का .उस वक्त अमर उपाध्याय बताते हैं की वैनिटी वैन नहीं हुआ करती थी और सारे लोग बेसमेंट में एक साथ रहते थे. वही कपड़े बदला करते थे. दो पार्टीशन कर दिए गए थे बेसमेंट के और सब लोग मिलजुल कर हंसी मजाक करते हुए रहा करते थे लेकिन अब ऐसा नहीं रहा, अब वैनिटी वैन मैं एक्टर्स रहते हैं और उनकी वह बॉन्डिंग नहीं हो पाती सबके साथ जो पहले हुआ करती थी.
अगर सास भी कभी बहू थी का रीमेक बनता है तो उससे ज्यादा कोई हिट रीमिक्स नहीं बना होगा अब तक यह मानना है अमर का.
रीटेलीकास्ट शुरू हो गया.
रीटेलीकास्ट शुरू हो गया है ”सास भी कभी बहू थी” सीरियल का, अपने वक्त का सबसे हिट सीरियल था, रातो रात अमर उपाध्याय और स्मृति ईरानी बॉलीवुड सितारों से भी ज्यादा लोकप्रिय हो गए थे, दोनों को देखने के लिए पूरे हिंदुस्तान में टेलीकास्ट के वक्त सन्नाटा छा जाता था.
इस सीरियल में अमर उपाध्याय के निधन का सीन सबको याद होगा जिसके बाद पूरे हिंदुस्तान में एक हंगामा बरपा हो गया था. हर तरफ मांग शुरू हो गई थी एकता कपूर से कि वह मिहिर के किरदार को जिंदा करें, जबकि असलियत यह है की अमर उपाध्याय के एग्रीमेंट में लिखा था कि यह किरदार एक वक्त के बाद मर जाता है लेकिन पब्लिक डिमांड पर उस किरदार को वापस जिंदा किया गया और उस किरदार के इन रीएंट्री पर तो लोग रो पड़े थे टीवी सेट के सामने.