ट्रेंस पटरी पर आमने सामने लेकिन नहीं हुई टक्कर.
ट्रेंस पटरी पर आमने सामने लेकिन नहीं हुई टक्कर, नई टेक्नोलॉजी के चलते ट्रेंस में भी सुरक्षा कवच लगा दिए गए हैं, जिसके चलते दो ट्रेनें एक ही पटरी पर आमने सामने दौड़ाई गई लेकिन सुरक्षा कवच के चलते आपस में टकराने से बच गई.
भारतीय रेलवे के लिए आज का दिन ऐतिहासिक दिन के तौर पर याद किया जाएगा क्योंकि आज के दिन भारतीय रेल ने एक बहुत बड़ा परीक्षण किया. जिसकी सख्त जरूरत थी भारतीय रेल को और यह परीक्षण कवच तकनीक के रूप में किया गया. जो की पूरी तरह से सफल साबित हुआ.
इस कवच तकनीक में दो ट्रेनों को आमने सामने चलाया गया. जिसमें एक ट्रेन में रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव मौजूद थे तो दूसरी तरफ ट्रेन में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के साथ-साथ तमाम उच्च अधिकारी भी मौजूद थे. दोनों ही ट्रेनों को आमने सामने एक ही पटरी पर दौड़ाया गया.
जिस ट्रेन में रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव सवार थे उस ट्रेन की गति काफी ज्यादा थी और जब वह ट्रेन पटरी पर दौड़ रही थी उस वक्त रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ट्रेन में सवार दूसरे अधिकारियों के साथ. नई तकनीक कवच का पूरा जायजा ले रहे थे .जो कि मॉनिटर पर साफ दिख रहा था जिसमें दिखाया जा रहा था की मॉनिटर इंडिकेट करता है कि सामने कुछ है. थोड़ी दूर आगे जाने पर ट्रेन की स्पीड धीमी होने से आती है और मॉनिटर पर रेड लाइट आनी शुरू हो जाती है. धीरे-धीरे ट्रेन ऑटोमेटिकली ब्रेक लेना शुरु कर देती है और सामने जो ट्रेन खड़ी थी उससे करीब 380 मीटर पहले ही ट्रेन रुक जाती है .नई कवच तकनीक भारतीय रेल शुरू करने जा रही है जिसका परीक्षण आज किया गया.
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कवच टेक्नोलॉजी के फायदे.
कवच टेक्नोलॉजी के फायदे जाहिर है, क्योंकि रेल पटरी पर तमाम बार आमने सामने आई और भीषण टक्कर हुई, जिसमें न जाने कितने ही लोग हलाक हो गए. पटरियो पर ट्रेनों का आमने सामने आना और बड़ा एक्सीडेंट होना बहुत बार देखा गया है लेकिन अब कवच टेक्निक के जरिए भारतीय रेल बड़ा कदम उठाने जा रही है. इससे अब आमने-सामने एक ही पटरी पर आने पर ट्रेनें अपने आप रुक जाएंगी, जिससे जान माल का नुकसान टाला जा सकेगा और रेलवे की सेफ्टी में यह एक और feather जुड़ गया है.