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Film Mujib Review 4*

Film Mujib Review 4* निर्देशक श्याम बेनेगल की फिल्म मुजीब

Film Mujib Review 4* निर्देशक श्याम बेनेगल की फिल्म मुजीब के बारे में बताते हैं आपको की कैसी बनी है यह फिल्म इसमें क्या बहुत खास बातें हैं जो दर्शीई गई है

सबसे पहले बात करते हैं फिल्म की कहानी की

फिल्म Mujib की कहानी बांग्लादेश के पितामह कहे जाने वाले हैं शेख मुजीबुर रहमान की है जो कि बांग्लादेश के पहले प्राइम मिनिस्टर बने थे जिन्होंने बांग्लादेश की नींव रखी थी /शेख मुजीबुर रहमान ने ही सबसे पहले पाकिस्तान के खिलाफ आवाज उठाई थी जब पाकिस्तान बंगाली लोगों के साथ भेदभाव कर रहा था/

मोहम्मद अली जिन्ना के खिलाफ सबसे पहले आवाज बुलंद की थी वह थे मुजीबुर रहमान

फिल्म Mujib की कहानी सत्य घटनाओं पर आधारित है पूरी जर्नी दिखाई है शेख मुजीबुर रहमान की/

डॉक्युमेंट्री नहीं कह सकते इस फिल्म को /बिल्कुल भी डॉक्यूमेंट्री के अंदाज में फिल्म को नहीं दर्शाया गया है बल्कि प्रॉपर फिल्म का चोला पहनाया गया है /इस फिल्म के जरिए पता चलता है कि आखिर किस तरह से बांग्लादेश को बनाया गया था/

किस तरह से बांग्लादेश पाकिस्तान से अलग हुआ/क्या हालात पैदा हुए थे वहां पर किस तरह से पाकिस्तानी फौज बांग्लादेश में वहां की औरतों के साथ बलात्कार कर रहीं था/ नरसंहार कर रहीं था और किस तरह से हिंदुस्तान की तत्कालीन प्राइम मिनिस्टर स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश की मदद की थी/

किस तरह से उस आयरन लेडी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थेकिस तरह से उस आयरन लेडी की भेजी हुई फौज ने  पाकिस्तान की फौज को घुटनों पर ला दिया था/

फिल्म Mujib की कहानी आज की जनरेशन को देखनी चाहिए क्योंकि उन्हें सिर्फ नाम सुना है बांग्लादेश के पहले प्राइम मिनिस्टर का लेकिन उनकी संघर्ष भरी जिंदगी के बारे में कोई नहीं जानता /

कहानी जिस तरह से पिरोई गई है वह कहीं से भी बोरिंग नहीं लगती /फिल्म की लेंथ ज्यादा है लेकिन फिर भी पता नहीं चलता क्योंकि कोई भी सीन अलग सा नहीं लगता/ ऐसा लगता है कि सबको एक सिरे से पिरोया गया है/ खासतौर से फिल्म की एंडिंग दिल को छूने वाली है/ रूह को  झकझोर देने वाली है/

खासतौर से बैकग्राउंड में जो गाना बजता है Mujib के ऊपर वह पूरी  रूह को छलनी कर देता है/ फिल्म के एंडिंग में दिखाया गया है कि किस तरह से शेख मुजीबुर रहमान की पूरी फैमिली को  उन्हीं के अपने लोग मौत के घाट उतार देते हैं और बच जाते हैं तो सिर्फ शेख हसीना जो उस वक्त जर्मनी चली गई थी और बाद में फिर वही बांग्लादेश की प्राइम मिनिस्टर बनकर खड़ी हुई/

Film Mujib Review 4*  अब बात एक्टर्स की

फिल्म मुजीब में ज्यादातर कैरेक्टर्स बांग्लादेश से लिए गए हैं/ वहीं के कैरेक्टर्स को इस फिल्म में चांस दिया गया है क्योंकि फिल्म की कहानी बंगाली भाषा में की गई है जिसे अलग-अलग भाषाओं में भी डब किया गया है और फिल्म के कैरेक्टर्स को ओरिजिनल बनाने के लिए बांग्लादेशी एक्टर्स ज्यादा लिए गए हैं/

सभी ने अपने कामों को बहुत अच्छी तरीके से अंजाम दिया है/ खासतौर से Arifin जिन्होंने मुजीबुर रहमान का कैरेक्टर निभाया है उन्होंने बहुत शानदार एक्टिंग की है Arifin ने इस कैरेक्टर के लिए पांच बार ऑडिशन दिए थे /दो बार हिंदुस्तान में और तीन बार बांग्लादेश में जाकर/

जिस तरह से Arifin ने sheikh mujib ur rehman की बॉडी लैंग्वेज कॉपी की है उसको देखकर बांग्लादेश के लोग जिन्होंने sheikh mujib ur rehman को देखा है उनका कहना है कि ऐसा लग ही नहीं रहा है कि sheikh mujib ur rehman पर्दे पर नहीं है बल्कि कोई उनका करेक्टर निभा रहा है/ यह बड़ा कंप्लीमेंट था Arifin के लिए/

 कैप्टन ऑफ़ द शिप यानी कि डायरेक्शन की बात करते हैं

वेटरन डायरेक्टर श्याम बेनेगल जिनकी उम्र 90 हो चली है बावजूद इसके उन्होंने बहुत शानदार डायरेक्शन दिया है फिल्म का /जिस उम्र में लोग रिटायर हो जाते हैं उस उम्र में भी श्याम बेनेगल ने एक ऐसी जादूई फिल्म बनाई है जिसको देखना अपने में एक अलग एक्सपीरियंस है/ श्याम बेनेगल ने पूरी फिल्म में कहीं भी कुछ भी बड़ा-चढ़कर नहीं दिखाया बल्कि उन्होंने बहुत सधै अंदाज में सब कुछ बयां कर दिया /

 

फिल्म का पिक्चराइजेशन बहुत सादे अंदाज में किया गया है जो की फिल्म की डिमांड थी/ इस तरह की फिल्मों को बनाने के लिए विजन बहुत क्लियर होना चाहिए और श्याम बेनेगल का विजन बहुत क्लियर नजर आया/

फिल्म के अंदर उन्हें क्या दिखाना है/ कितना दिखाना है यह सब फिल्म में चार चांद लगा रहा था/

इस फिल्म को देखना अपने में एक अद्भुत एक्सपीरियंस होगा /जब पिक्चर hall से बाहर आएंगे तो आपकी आंखें नम होगी और यही एक जीत है डायरेक्टर की कि वह दर्शकों के दिल में उतर जाए और उन्हें मजबूर कर दे कि जब वह थिएटर से बाहर निकले तो फिल्म की यादें दिलों में सजाय हो/

फिल्म Mujib को देखना पूरी तरह से वर्थ है यानी कि पूरी टाइम पास फिल्म है और पैसा वसूल फ़िल्म है /इस फिल्म को हम देते हैं 4 स्टार/

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