पहली बोलती फिल्म आलम आरा की प्रिंट मशीन मिली.
पहली बोलती फिल्म आलम आरा की प्रिंट मशीन मिली लंबे अरसे के बाद.
बॉलीवुड आज जहां खड़ा है इसकी शुरुआत हुई थी आलम आरा से जो की 1931 में रिलीज हुई थी और यह फिल्म पहली ऐसी फिल्म थी जो साउंड के साथ थी. इससे पहले जो फिल्म बनी थी उसमें कोई साउंड नहीं था क्योंकि तब तक फिल्म के अंदर साउंड डालने की तकनीक नहीं आई थी लेकिन 1931 में जब आलम आरा रिलीज हुई तो उसमें साउंड की टेक्निक इस्तेमाल की गई थी. जोकि अपने में बहुत बड़ी उपलब्धि थी उस वक्त.
saree shop पर मिली मशीन
जिस मशीन पर आलम आरा का प्रिंट बनाया गया था वह मशीन कहां थी यह जानकर आपको बड़ी हैरानी होगी और जिसके पास थी उसको भी नहीं पता था कि इसकी क्या कीमत है फिल्म के इतिहास में..
यह मशीन एक saree shop पर बहुत अरसे से रखी हुई थी जिस पर किसी का ध्यान नहीं गया था.. किसी को नहीं मालूम था कि यह फिल्म प्रिंट करने वाली मशीन है और इस मशीन का इतिहास फिल्मों के लिए बहुत अहमियत रखता है क्योंकि यह वह मशीन है जिस पर पहली बोलती फिल्म आलम आरा का प्रिंट बनाया गया था..
मशीन का सिर्फ ढांचा बचा है पूरी मशीन पर जंक लग चुका है लेकिन खास बात यह है कि इसका पूरा ढांचा सही सलामत है उसमें कोई भी हानि नहीं पहुंची है..
किसी को भी ज्ञान नहीं था की आलम आरा को प्रिंट करने वाली मशीन कहां है.. है भी या नहीं इसकी भी जानकारी नहीं थी लेकिन बड़ी मुश्किल से इस मशीन का पता चला और हैरानी तब हुई सब को जब यह मशीन एक टेलर के पास से निकली.. जब इस प्रिंट मशीन का इतिहास खंगाला गया तो पता चला इसी मशीन से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री मैं बोलती फिल्मों का इतिहास लिखा गया है.
एंटीक का हिस्सा बन चुकी है
फिल्मों के इतिहास से जुड़ी हुई बहुत सारी एंटीक चीजें पुणे फिल्म इंस्टिट्यूट में रखी हुई थी लेकिन जब इंस्टिट्यूट में आग लगी तो बहुत सारी फिल्मों से जुड़ी हुई एंटीक चीजें हैं उस आग में जलकर खाक हो गई जो कि एक बड़ा लॉस है फिल्मों के इतिहास के लिए लेकिन अब यह एक ऐसी धरोहर मिली है जिसका कोई सानी नहीं है.. अनमोल खजाने के तौर पर इस फिल्म प्रिंट मशीन को देखा जा रहा है.