Skip to content

गुल्लक के जमील खान एक्टर नहीं इंजीनियर बनना चाहते थे

गुल्लक के जमील खान एक्टर नहीं इंजीनियर बनना चाहते थे लेकिन किस्मत उन्हें अलीगढ़ से मुंबई ले आई.

गुल्लक के जमील खान एक्टर नहीं इंजीनियर बनना चाहते थे लेकिन किस्मत उन्हें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से मुंबई ले आई जहां उन्हें लंबे अरसे तक स्ट्रगल करने के बाद छोटे-छोटे रोल मिलने शुरू हुए और उन् छोटे रोल से आज वह बड़ा नाम बन कर उभरे.

सीजन 3 गुल्लक का चल रहा है और उसे काफी पसंद किया जा रहा है.. गुल्लक सीजन 2 के लिए जमील खान को OTT के फिल्मफेयर अवार्ड मैं बेस्ट कॉमेडियन के लिए अवार्ड मिला था.

जमील खान की स्कूलिंग sharewood नैनीताल से हुई है, वहां वह पढ़ाई में काफी तेज हुआ करते थे 10th क्लास में काफी अच्छे मार्क्स से पास हुए थे लेकिन वह बताते हैं 12th में आते -आते हैं दूसरी चीजों में इंवॉल्व हो गए, जिसकी वजह से 12th में उनके मार्क्स कम हो गए, उन्होंने इंजीनियरिंग के लिए कोशिश की लेकिन उसमें वह नाकाम रहे.

आगे की पढ़ाई अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से की और वही से उन्हें थिएटर करने का शौक लग गया.

एक्टिंग करने के लिए मुंबई आ गए जमील खान .

एक्टिंग करने के इरादे से jamil khan मुंबई आ गए और यहां पर उन्होंने रोजी रोटी कमाने के लिए डबिंग की ,एडवरटाइजिंग कंपनी में writeups लिखें और थिएटर करना शुरू कर दिया.

लेकिन उन्हें लगने लगा कि थिएटर से या दूसरी जगह से इतनी कमाई नहीं हो रही कि उनका गुजारा ठीक से चल सके.. इसी बीच नसरुद्दीन शाह से उनकी मुलाकात हुई और  नसीरुद्दीन शाह ने उनको play कराएं जिसे खुद नसीरुद्दीन शाह डायरेक्ट कर रहे थे.

फिल्म हम दिल दे चुके सनम में छोटा सा किरदार किया था jamil khan ने..फिल्म ”चीनी कम” आई जिसके लिए वह बताते हैं कि सिर्फ अमिताभ बच्चन का नाम सुनकर ही वो उछल पड़े थे और उन्होंने डिसाइड कर लिया था रोल कोई सा भी हो वह फिल्म जरूर करेंगे.

चीनी कम की शूटिंग के दौरान वह बताते हैं कि उन्होंने अमिताभ बच्चन से बहुत कुछ सीखा.. jamil khan का कहना है कि बहुत सारे स्टार्स ऐसे हैं जिनको 4 lines भी ठीक से याद नहीं होती लेकिन वह स्टार है.. वहीं अमिताभ बच्चन 4 पेज के डायलॉग्स याद करके वन टेक में सीन को ओके कर देते थे.

अमिताभ बच्चन जब भी सेट पर आते हैं तो अपनी पूरी तैयारी के साथ आते.. यह बात jamil khan ने गांठ बांध ली की जब भी सेट पर पहुंचे तो अपनी पूरी तैयारी के साथ पहुंचना चाहिए.

रिश्तेदार पहले ताना देते थे

उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के रहने वाले हैं jamil khan और वह बताते हैं कि जब लोगों को पता चला कि वह मुंबई में एक्टिंग में अपना हाथ आजमाने गए हैं, तो रिश्तेदारों के ताने सुनने पड़ते थे, उनको भी, उनके घर वालों को भी लेकिन अब जब वह establish चेहरा बन चुके हैं तो बताते हैं कि वही रिश्तेदार हैं जो फक्र के साथ बताते हैं कि जमील खान मेरा रिश्तेदार है.

एक खलिश जो कभी खत्म नहीं हो सकती.

एक खलिश जो कभी खत्म नहीं हो सकती जमील खान की जिंदगी में वह है उनके पिता का इस दुनिया से चले जाना.

jamil Khan बताते हैं कि जब उन्होंने मुंबई में एक्टिंग करने के लिए अपने पिता से बात की तो उन्होंने उनका हौसला बढ़ाते हुए कहा था, कि जाओ और जो करना चाहते हो दिल लगाकर करो.. कुछ नहीं हुआ तो कोई बात नहीं हम तुम्हारे पीछे खड़े हैं.. पिता का इतना कहना jamil Khan के लिए बहुत बड़ी राहत थी,

तकरीबन 12 साल पहले उनके पिता का देहांत हो गया बस यही खलिश jamil Khan को सताती है कि, अब जब उनका वक्त आया.. अब जब पूरी दुनिया ने उनके काम को सराहा और अब जब वक्त आया उनके पिता का कि वह अपना सीना चौड़ा करके कह सकते हैं की jamil Khan उनका बेटा है,तो अब वह इस दुनिया में नहीं है.. इस बात की खलिश हमेशा सताती है jamil Khan को.