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Javed Akhtar Sahir Ludhianvi के कर्जदार थे

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Javed Akhtar Sahir Ludhianvi के कर्जदार थे

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Javed Akhtar Sahir Ludhianvi के कर्जदार थे लेकिन मरने  के बाद साहिर लुधियानवी ने अपना कर्ज जावेद अख्तर से वापस ले लिया था/सोचने वाली बात है कि भला कोई शख्स मरने  के बाद अपना कर्ज वापस कैसे ले सकता है लेकिन Sahir Ludhianviने ऐसा ही किया था उन्होंने मरने के बाद Javed Akhtar से कब्र में जाकरअपना कर्ज वापस ले लिया था/यह वह कर्ज था जिसको Javed Akhtar ने सहित से कह दिया था कि वह उन्हें यह कर्ज वापस नहीं करेंगे/

Sahir Ludhianvi जिनकी शायरी आज भी सबके दिलों पर राज करती है/एक से बढ़कर एक शानदार गीत उन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को दिए हैं/उन गीतों पर आज भी फिल्म इंडस्ट्री नाज करती है/

जब Javed Akhtar ने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा तो उन्हें उसे वक्त काफी स्ट्रगल करना पड़ रहा था और उनके पास अक्सर पैसों की बहुत कमी हो जाती थी लेकिन उस वक्त साहिर लुधियानवी अपने पैर इंडस्ट्री मैं  जमा चुके थे /जावेद अख्तर ज्यादातर रोज ही उनसे मिलने के लिए उनके घर जाया करते थे और दोनों मिलकर शराब पिया करते थे/उस वक्त जावेद अख्तर शराब पीते थे बाद में तो उन्होंने शराब छोड़ दी/

Javed Akhtar के पास पैसे खत्म हो गए थे

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गरीबी मुफलिसी जावेद अख्तर पर छाई हुई थी क्योंकि काम मिल नहीं रहा था/जहां वह काम करते थे वह काम छूट चुका था और जिस घर में वह रहते थे और उनके महीने का खर्च तकरीबन डेढ़ सौ रुपए हुआ करता था/ऐसे में उनके पास पैसे नहीं थे ना तो खाने के और ना ही घर का किराया देने के/

ऐसे में वह Sahir Ludhianvi के पास चले गए और उनसे कुछ कहते उससे पहले ही Sahir Ludhianvi  उनकी शक्ल देख कर समझ गए की माजरा क्या है/साहिर लुधियानवी जो की चेहरे पढ़ लिया करते थे उन्होंने जावेद अख्तर का चेहरा भी पढ़ लिया था/

ऐसे में वह बिना कुछ कहे अपने कमरे में गए और उन्होंने ₹200 निकालकर टेबल पर रख दिए और फिर उन्होंने जावेद अख्तर को आवाज़ लगाई कमरे में बुलाया और उनसे कहा यह पैसे हैं इनको रख लो/वह चाहते तो जावेद अख्तर के हाथ में भी पैसे दे सकते थे लेकिन उन्हें यह गवारा नहीं था कि अपने हाथ से जावेद अख्तर के हाथ में पैसे रखे /उन्हें ऐसा लग रहा था कि शायद जावेद अख्तर को बुरा लगेगा इसलिए उन्होंने पैसे टेबल पर रखे और कहा इन्हें अपने पास रख लो/

जावेद अख्तर ने जब वह रुपए देखे तो ₹200 थे जिसको देखकर Javed Akhtar खुश तो बहुत हुई और उनको यह अंदाजा हो गया कि उनका अब एक डेढ़ महीने का काम हो गया है लेकिन इस बात के लिए भी वह काफी चौंक गए थे कि आखिर साहिर साहब को कैसे अंदाजा हो गया कि मुझे रूपों की जरूरत है/

Sahir Ludhianvi को Javed Akhtar ने मना कर दिया था उनका कर्ज लौटाने से

वक्त और हालात दोनों ही जावेद अख्तर के बेहतर से बेहतर होते चले गए और Javed Akhtar अच्छा नाम कमा रहे थे और अच्छा पैसा कमा रहे थे लेकिन उन्होंने साहिल लुधियानवी से मना कर दिया था कि वह उनका कर्ज वापस नहीं करेंगे जो उन्होंने उनसे लिया था ₹200 का/

जावेद अख्तर कहते थे कि वह साहिल के कर्जदार बने रहना चाहते थे/साहिर ने भी कहा की छोड़ो उस कर्ज को कभी दे देना यह कह के वह हंस कर बात को दर गुजर कर दिया करते थे/

वक्त गुजरता गया और साहिर लुधियानवी बेहद बीमार हुए और एक दिन जावेद अख्तर के पास खबर पहुंची कि साहिल का इंतकाल हो चुका है/साहिर लुधियाना के बहुत ही करीबी हुआ करते थेजावेद अख्तर /बेहद अफसोस हुआ उनको इस खबर को सुनने के बाद /साहिर लुधियानवी के घर पहुंचे और उन्होंने साहिर का कफन हटाया शक्ल देखी और उनके हाथ देखें और यह सच में पड़ गए कि यह वह हाथ है जिन्होंने इतिहास लिख दिया गीतों का/ आज जिस तरह से आया था उस तरह खाली हाथ जा रहा है/

साहिल लुधियानवी के जनाजे को कब्रिस्तान ले जाया गया 

Javed Akhtar बताते हैं कि साहिर लुधियानवी को दफनाने के बाद सब वापस जाने लगे तो जावेद अख्तर भी साहिर के ख्यालों में गुम अपनी कर में जाकर बैठ गए /

अभी वह अपनी car स्टार्ट करने वाले थे कि पीछे से एक शख्स जो साहिर को भी जानता था जावेद अख्तर को भी जानता था वह दौड़ता हुआ आया और उसने जावेद अख्तर से पूछा की ₹200 होंगे क्योंकि जिसने कब्र खोदी है Sahir Ludhianvi की उसको ₹200 देने हैं/

जावेद अख्तर ने बिना कुछ सोचे समझे अपनी जेब से ₹200 निकाल कर उसको दे दिए/अभी जावेद थोड़ी दूर आगे बढ़े थे कि उनका दिमाग ठंडाका कि उन्होंने कब्र खोदने वाले को जिसने साहिर लुधियानवी की कब्र खोदी है उसको ₹200 दिए हैं और यह कैसा इत्तेफाक है कि साहिल लुधियानवी का ₹200 का कर्ज जावेद अख्तर के ऊपर था और साहिर लुधियानवी ने अपना वह ₹200 का कर्ज कब्र में जाकर वापस ले लिया/

यानी कि सहित ने जाते-जाते भी किसी का कर्ज नहीं लिया /किसी और के पैसे से अपनी कब्र नहीं खुदवाई बल्कि अपने ही पैसे से अपनी खबर खुदवाई /वह पैसा जो जावेद अख्तर के ऊपर कर्ज था/यह एक ऐसी कहानी या mystery है जो साहिल लुधियानवी और Javed Akhtar के बीच गुजरी है/यह कोई आम बात नहीं है बल्कि यह बहुत ही रूहानी बात है/ बहुत ही गहरी बात है की Sahir Ludhianvi ने कब्र में लेट कर अपना कर्ज वापस ले लिया Javed Akhtar से/