लता मंगेशकर दूसरा जन्म नहीं लेना चाहती थी, यह थी उनकी ख्वाहिश.
लता मंगेशकर की ख्वाहिश जो थी वह थोड़ी नहीं बहुत हटकर थी. वह दूसरा जन्म नहीं लेना चाहती थी. उनका कहना था कि अगर दूसरा जन्म हो तो वह लता मंगेशकर नहीं बनना चाहती ,सुनने में थोड़ा अटपटा लगता है. जो शख्सियत अपनी आवाज के जरिए पूरी दुनिया पर राज करती हो. जिसके जैसे बनने के लिए सैकड़ों लोग सपने देखते हो, वह खुद अपने बारे में सोचती थी, कि अगर दोबारा जन्म हो तो लता मंगेशकर बन कर ना हो.
वजह कभी नहीं बताई लता मंगेशकर ने कि आखिर वो क्यों दूसरा जन्म नहीं लेना चाहती थी और अगर दूसरा जन्म हो भी जाए तो लता मंगेशकर क्यों नहीं बनना चाहती थी, शायद उन्होंने अपनी जिंदगी में बहुत दुख देखें थे शुरुआती दौर में. एक वजह यह भी हो सकती है उनके इस तरह सोचने पर.
बहुत दुखों का सामना किया था.
बहुत दुखों का सामना किया था लता मंगेशकर ने अपने शुरुआती दौर में. महज 13 साल की उम्र में पिता का साया सर से उठ गया था. लता मंगेशकर ने 13 साल की उम्र में पहला गाना रिकॉर्ड किया था मराठी फिल्म के लिए गाना रिकॉर्ड करने के लिए पुणे गई थी, मार्च का महीना था और अगले ही महीने यानी कि अप्रैल के महीने में लता मंगेशकर के पिता का देहांत हो गया था.
जिस फिल्म के लिए पहला गाना जो रिकॉर्ड किया था ना तो वह फिल्म रिलीज हुई और ना ही गाना रिलीज हुआ. जिंदगी वहीं पर खड़ी थी जहां शुरू हुई थी. पिता का साया सिर से उठ चुका था अब पूरे घर की जिम्मेदारी लता मंगेशकर के कंधों पर थी.
जिम्मेदारी उठाने के लिए लता मंगेशकर ने सबसे पहले मराठी फिल्म में एक्टिंग की, जिसके लिए उनको ₹300 मिले थे. उसके बाद उन्हें धीरे-धीरे लोगों ने गाना गवाना शुरू किया.लता मंगेशकर से जब कोई कहता की कोई गाना सुनाओ ऑडिशन के तौर पर तो वह अक्सर नूरजहां के गाने गाती थी ऑडिशन पर.
उनके पहले गुरु उनके पिताजी थे, पिताजी के साथ ही रियाज किया करती थी और 9 साल की उम्र में उन्होंने सबसे पहला स्टेज परफॉर्मेंस दिया था, वह भी अपने पिताजी से ज़िद कर के उनके परफॉर्मेंस के बाद उनके पिताजी परफॉर्म कर रहे थे स्टेज पर और वह 9 साल की छोटी सी लता मंगेशकर अपने पिताजी की गोद में ही स्टेज पर सो गई थी.