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मंगल सिंह ढिल्लों का निधन

मंगल सिंह ढिल्लों का निधन लुधियाना के कैंसर अस्पताल में भरती थे

मंगल सिंह ढिल्लों का निधन लुधियाना के कैंसर अस्पताल में भरती थे/मंगल सिंह ढिल्लों का अंतिम संस्कार तकरीबन 4:00 बजे रविवार को ही उनके गांव में कर दिया गया यह उनकी आखिरी इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में ही किया जाए/

काफी लंबे समय से कैंसर जैसी बीमारी से लड़ हो रहे थे और इस जानलेवा बीमारी के आगे मंगल सिंह ढिल्लों ने भी हार मान ली और रविवार की सुबह उन्होंने लुधियाना के एक कैंसर अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली /

उनके चले जाने पर फिल्म इंडस्ट्री से काफी रिएक्शन सामने आए उन्हें लोगों ने अपनी पोस्ट में याद किया लेकिन जीते जी उन्हें किसी ने भी याद नहीं किया/ किसी ने उनकी सुध बुध नहीं ली कि वह कहां है और किस हाल में है /उनके निधन की खबर के बाद उनकी शान में फिल्म इंडस्ट्री के तमाम लोग कसीदे गढ़ने लगे उन्हें अचानक से मिस करने लगे/

फिल्म इंडस्ट्री केबहुत से लोगों की यह शिकायत रही है

कि जीते जी कोई भी उन्हें याद नहीं करता खासतौर से जब उनका सूरज ढल चुका हो और फिर उन्हें उनके निधन के बाद ही याद किया जाता है/ इसी बात के लिए संगीतकार नौशाद ने कहा था कि यह फिल्म इंडस्ट्री मुर्दा परस्त है यहां पर लोग मरने के बाद पूजते हैं/

बेहतरीन कलाकार थे लेकिन काम की हमेशा कमी रही/इसमें कोई शक नहीं कि मंगल सिंह ढिल्लों एक बेहतरीन कलाकार थे उन्होंने कई यादगार सीरियल में काम किया है जिसमें बुनियाद सीरियल बहुत अहम था इसके अलावा उन्होंने कई फिल्मों में काम किया/

फिल्म अकेला में अमिताभ बच्चन के साथ सेट पर मंगल सिंह ढिल्लों भी थे और उनका सीन था और उन्होंने अपना सीन बेहतरीन अदाकारी के साथ बिना किसी टेक के पूरा कर लिया/ उनकी इस अदाकारी पर जहां पूरा सेट तालियांताजा बजा रहा था तो वही पर अमिताभ बच्चन ने भी मंगल सिंह ढिल्लों की जमकर तारीफ की थी/

सीरियल भी प्रोड्यूस किए थे और उनका एक सीरियल काफी चर्चा में रहा जोकि रिलीज नहीं हो पाया था वह था घोस्ट पर बनाया हुआ उनका सीरियल/ खास बात यह थी कि उन्होंने अपने घोस्ट पर बनाए हुए सीरियल को रियलिस्टिक रंग देने के लिए उन्होंने तांत्रिक और पीरों की सहायता ली और उनकी सहायता से बताते हैं कि उन्होंने रियल घोस्ट को कैमरे पर शूट किया/ उनकी आवाज रिकॉर्ड की और यह सब बहुत ज्यादा डरावना था लेकिन वह अपने काम को इतना महत्व देते थे कि उन्होंने इस हद तक जाकर अपना धारावाहिक शूट किया था / ना इससे पहले ना इसके बाद किसी ने भी इतनी हिम्मत जुटाई की रियल घोस्ट के साथ कुछ शूट किया हो/