Manoj Bajpayee ने सिगरेट छोड़ी लेकिन छोड़ना नहीं था आसान सिगरेट को
Manoj Bajpayee ने सिगरेट छोड़ी लेकिन छोड़ना नहीं था आसान सिगरेट को/कहते है कि सिगरेट की लत एक ऐसी लत है जिससे लग जाए फिर उसे छोड़ना किसी पहाड़ को तोड़ने से कम नहीं होता अब ऐसे ही कुछ हुआ था मनोज बाजपाई के साथ भी जिन्होंने सिगरेट को छोड़ा लेकिन उनके लिए सिगरेट को छोड़ना किसी पहाड़ को तोड़ने से कम नहीं था क्योंकि उन्हें भी सिगरेट की जबरदस्त लत थी/
एक वक्त था जब मनोज बाजपाई चेन स्मोकर हुआ करते थे यानी कि बहुत ज्यादा सिगरेट पीते थे या यूं भी कह सकते हैं एक सिगरेट बुझाते थे तो दूसरी जलाते थे इस लेवल के वह स्मोकर हुआ करते थे और उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वह जिंदगी में सिगरेट को छोड़ पाएंगे लेकिन उन्होंने यह कारनामा कर दिखाया बड़ा ही मजेदार किस्सा है सिगरेट को छोड़ने से पहले का/
खुद सिगरेट के लिए तरसते और सिगरेट उनके लिए तरसती
मनोज बाजपेई ने अपनी विल पावर का बढ़ा इस्तेमाल किया सिगरेट छोड़ने में वह जानते थे की सिगरेट को छोड़ना आसान नहीं होगा क्योंकि वह एक जमाने से सिगरेट पीते आ रहे थे लेकिन ऐसे में उन्होंने अपनी विल पावर का इस्तेमाल किया था जो कि उनके अंदर बहुत स्ट्रांग है/
मनोज बाजपेई बताते हैं की जिस दिन उन्होंने तय किया कि वह सिगरेट को अब नहीं पिएंगे इसके लिए उन्होंने खुली जंग की खुद से और सिगरेट से उन्होंने सिगरेट के भरे हुए पैकेट को अपनी टेबल पर रखा जहां पर वह बैठते हैं और उस सिगरेट के पैकेट को उन्होंने अपने सामने इसलिए रखा कि इसको सामने रखकर छोड़ेंगे इससे मुंह मोड़ कर नहीं छोड़ेंगे/
6 महीने तक लगातार मनोज बाजपाई का वो सिगरेट का पैकेट ऐसे ही उस टेबल पर रखा रहा और वह रोज उसके सामने जाकर बैठ जाते और उसको देखते और यही उनकी जंग थी कि सामने सिगरेट होते हुए भी वह सिगरेट को हाथ नहीं लगा रहे थे/ ऐसा करते करते 6 महीने निकल गए और मनोज बाजपेई सिगरेट पर हावी हो गए उन्होंने फिर उसके बाद कभी भी सिगरेट को हाथ नहीं लगाया और 6 महीने बाद उसी सिगरेट के पैकेट को डस्टबिन में फेंक दिया/