Naseeruddin shah ने वर्कर्स के लिए आवाज उठाई बॉलीवुड के वेटरन एक्टर
Naseeruddin shah ने वर्कर्स के लिए आवाज उठाई बॉलीवुड के वेटरन एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने फिल्मों में बिहाइंड द सीन रहने वाले वर्कर्स के लिए आवाज उठाई उन्होंने एक फंक्शन में इस बात के लिए अपनी आवाज बुलंद की की जो लोग फिल्मों को बनाने में अपना खून पसीना बहाते हैं उनके लिए क्या/
उन वर्कर्स के लिए Naseeruddin shah ने पहली बार आवाज बुलंद की जो वर्कर अपने कंधों पर भारी-भारी लाइट्स लेकर खड़े रहते हैं/ पानी के अंदर वायर अपने हाथों में लेकर खड़े रहते हैं/ भारी भारी कटर को बिना हिलाए अपने हाथों में संभाले रहते हैं/
30 30 40 40 फिट ऊपर हवा में लाइट्स लेकर अपनी जान पर खेलकर एक लकड़ी के पटरी पर खड़े रहते हैं और उन्हें कोई पानी तक नहीं पूछता /खाना और चाय तो बहुत दूर की बात है/ ऐसे लोगों के लिए पहली बार Naseeruddin shah का दर्द छलका उन्होंने कहा यह वर्कर इतनी मेहनत करते हैं एक सक्सेसफुल फिल्म बनाने के पीछे इनका बहुत बड़ा हाथ होता है लेकिन कुछ ऐसे एक्टर होते हैं जो एसी रूम में आकर बैठते हैं उस पर भी टंट्रम्स दिखाते हैं लेकिन इन वर्कर्स के बारे में कोई नहीं सोचता/
अपनी बात आगे कहते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा की
इन वर्कर की तनखा भी इनकी मेहनत के हिसाब से इनको नहीं मिलती / फिल्म जब अच्छा करती है तो सबसे ज्यादा मलाई प्रोड्यूसर एक्जीबिटर डिस्ट्रीब्यूटर खा जाते हैं और रही सही कसर एक्टर भी उसमें शामिल हो जाते हैं लेकिन इन वर्कर के बारे में कोई नहीं सोचता/ फिल्म के प्रॉफिट से इन्हें कुछ नहीं मिलता फिल्म भले ही कितने भी करोड़ का बिजनेस कर ले/
सच्चाई तो यही है जो Naseeruddin shah ने बयान की है लेकिन कहते हैं कि हुजूर आते आते बहुत देर कर दी इतने समय से फिल्मों में काम करते आ रहे हैं अपनी पूरी उम्र गुजार दी फिल्मों में लेकिन अब जाकर नसीर साहब को यहसमझ आया कि जो वर्कर्स काम करते हैं उन्हें उनकी मेहनत के हिसाब से पैसा नहीं मिलता/
सवाल यह उठता है कि इससे पहले नसीर साहब के दिमाग में यह क्यों नहीं आया और अब जाकर ऐसा क्या हुआ जो उन्हें यह दिखने लगा /आखिर क्या हुआ जो नसीर साहब को वर्कर्स का दर्द समझ आने लगा/
एक्टर प्रोड्यूसर निखिल द्विवेदी ने नसीर साहब को जवाब देते हुए ट्वीट किया की की जो वर्कर यह काम करते हैं क्या उनकी काबिलियत एक्टर्स के बराबर है और ऐसा सिर्फ फिल्मों में नहीं होता बल्कि हर सेक्टर में यही होता है जहां पर वर्कर पसीना बहाते हैं और मालिक या काबिल इंसान एसी कमरों में बैठकर काम कर रहे हो होते हैं/