Salim Khan को मां से मिलने की इजाजत नहीं थी|एक ऐसा गम जो सलीम खान का पीछा नहीं छोड़ता, हर वक्त वह गम सताता रहता है salman khan के फादर सलीम खान को|हर इंसान की जिंदगी में गम आया जाया करते हैं लेकिन सलीम खान की जिंदगी में एक ऐसा गम है जो कभी भी कम नहीं होता|
वैसे देखा जाए तो सलीम खान किसी प्राउड फादर से काम नहीं है क्योंकि उनके बेटे सलमान खान है जोकि दुनिया की नजर में एक ताज है और उस ताज के काशकार सलीम खान है|
सलमान खान जैसा बेटा पाकर कोई भी पिता फुला नहीं समा सकता| देखने में तो ऐसा ही लगता है कि सलीम खान को भला ऐसा कोई गम क्यों सताएगा जो उन्हें सोने ना दे|
सच्चाई लेकिन यही है कि सलीम खान को एक ऐसा गम हर वक्त सताता रहता है जो उनकी खुशियों पर भारी पड़ता है| जहन में हर वक्त वह यादें तड़पती रहती हैं,जो सलीम खान को तड़पने पर मजबूर कर देती हैं|
”Salman khan father Salim Khan का गम”अपनी मां को याद करके सलीम खान आज भी रो पड़ते हैं|मां एक ऐसी चीज होती है जिसके साए की जरूरत इंसान को हर उम्र में रहती है और यह साया अगर बचपन मैं ही किसी बच्चे के साथ छूट जाए तो आप समझ सकते हैं कि फिर उस बच्चे का बचपन क्या रहा होगा|
खासतौर से जब बच्चों ने अपनी मां को तिल तिल करके मरते देखा हो| ऐसा ही कुछ हुआ SALIM KHAN के साथ में जब उन्होंने अपनी मां को अपनी आंखों के सामने तिल तिल करके मरते देखा|
”Salman khan father Salim Khan का गम” सलीम खान को अपने बचपन का वह मंजर बहुत सताता है
जब उनकी मां ने सलीम खान को देखा, तब उनकी उम्र तकरीबन 5 से 6 साल थी और उनकी मां ने अपनी खिदमत गुजार से पूछा कि आखिर यह लड़का कौन है, जो इतना खूबसूरत है|
उस खिदमत गुजार ने सलीम खान की मां से कहा कि यह आपका ही बेटा है सलीम| यह सुनते ही सलीम खान की मां की आंखों से आंसू बहने लगे| वह चाहती थी सलीम खान को गले लगाना, अपनी आगोश में लेना, उनको बहुत ढेर सारा प्यार करना लेकिन वह यह सब चाह कर भी नहीं कर सकती थी|
सलीम खान जिनकी उम्र उस वक्त 5 -6 साल रही होगी ,वह यह मंजर देख रहे थे और उन्हें उस वक्त कुछ समझ नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है| सामने जो औरत बैठी है वह उनकी अपनी मां है, जो उन्हें गले तो लगाना चाहती है लेकिन लगा नहीं सकती|
दरअसल सलीम खान की मां को TB की बीमारी हो गई थी और उस वक्त वह बीमारी बेहद खतरनाक बीमारी हुआ करती थी ,जानलेवा बीमारी थी वह और खास बात यह थी कि उस वक्त TB का कोई इलाज नहीं था और यह बीमारी एक से दूसरे को लग जाया करती थी|
जब सलीम खान की मदर को भी TB की बीमारी हुई तो, ऐसे में सलीम खान के पिता ने सलीम खान को उनकी मां से दूर रखा, जिससे उनको भी इस बीमारी से बचाया जा सके और इसी के चलते सलीम खान को अपनी मां का चेहरा याद नहीं था लेकिन जिस दिन यह वाक्या पेश आया, उस लम्हे ने सलीम खान के दिल और दिमाग पर अपनी छाप छोड़ दी| ऐसी छाप जो फिर आज तक मिट ना सकी|
अपनी मां से गले लगने के लिए सलीम खान भी बेचैन थे
लेकिन मजबूरी इतनी बड़ी थी कि अपनी मां के पास फटक भी नहीं सकते थे| उधर उनकी मां ने अपने बेटे को जब इतना बड़ा पाया और इतना खूबसूरत पाया तो उनका दिल तड़प उठा अपने बेटे को गले लगाने के लिए|
सलीम खान आज की डेट में 80 + के हो चुके हैं लेकिन उन्हें आज भी अपनी मां का वह चेहरा नहीं भूलता |वह आंखें जिनमें तड़प के आंसू थे नहीं भूलते| आज भी सलीम खान को अपनी मां की वह आंसू से भरी आंखें और हजारों ख्वाहिशें लिए चेहरे के भाव नहीं भूलते|
आज भी सलीम खान तड़प उठाते हैं अपनी मां के चेहरे को याद करके| उन लम्हों को याद करके आज भी बैठे-बैठे अचानक से सलीम खान की आंखों से आंसुओं की धारा बहने लगती है और यह वह आंसू है जो एक बेटे के अपनी मां की याद में निकलते हैं|