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सम्पत्तियों पर बुलडोजर चलाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

सम्पत्तियों पर बुलडोजर चलाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जमीअत उलमा-ए-हिन्द ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

सम्पत्तियों पर बुलडोजर चलाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.. जमीअत उलमा-ए-हिन्द ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.. ऑनलाइन याचिका दाखिल की.जमीअत उलमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि आज देश में अल्पसंख्यक ही नहीं बल्कि देश का संविधान भी खतरे में है.सम्पत्तियों पर बुलडोजर चलाने के मामले में मौलाना अरशद मदनी काफी ज्यादा नाराज हैं..

उनका मानना है कि अल्पसंख्यकों को जानबूझकर टारगेट किया जा रहा है.पिछले दिनों जिस तरह से हैं यूपी, एमपी और गुजरात में संपत्तियों के ऊपर बुलडोजर चलाने का मामला सामने आया है. उससे नाराज होते हुए जमीअत उलमा-ए-हिन्द सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है इंसाफ के लिए.. जमीअत उलमा-ए-हिन्द ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि जिन राज्यों में बुलडोजर की खतरनाक राजनीति शुरू हो चुकी है, उसके खिलाफ कानूनी संघर्ष करना पड़ेगा और उनका यह संघर्ष जारी रहेगा और और अब यह लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में लड़ी जाएगी.

ऑनलाइन याचिका दाखिल की गई सुप्रीम कोर्ट में.

एडवोकेट कबीर दीक्षित ने ऑनलाइन याचिका दाखिल की है सुप्रीम कोर्ट में संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने के मामले में.

याचिका में केंद्र सरकार के साथ-साथ मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश राज्यों को पार्टी बनाया गया है,, जहां पर हाल ही में घरों पर और दुकानों पर बुलडोजर चलाए गए हैं.एडवोकेट कबीर दीक्षित द्वारा ऑनलाइन दाखिल याचिका पर सुनवाई के लिए अगले कुछ दिनों में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से अनुरोध किया जा सकता है.

जमीअत उलमा-ए-हिन्द की तरफ से जो याचिका दायर की गई है उसमें अदालत से अनुरोध किया गया है कि वह राज्यों को आदेश दे की अदालत की इजाजत के बिना किसी घर या दुकान पर बुलडोजर ना चलाया जाए और संपत्तियों को हानि ना पहुंचाई जाए.

बुलडोजर की राजनीति उत्तर प्रदेश से शुरू हुई थी.

उत्तर प्रदेश में बुलडोजर की राजनीति ने जन्म लिया जहां पर उत्तर प्रदेश सरकार ने कई जगहों पर बुलडोजर चलाया और उसके बाद उसी राह पर मध्य प्रदेश और गुजरात भी चल पड़ा.हाल ही में राम नवमी के अवसर पर मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में जुलूस के दौरान हुई हिंसा के बाद राज्य सरकार के आदेश से कई लोगों के घरों को तोड़ा गया था..जमीअत उलमा-ए-हिन्द इसे एकतरफ़ा कार्रवाई बताते हुए कहती है कि मुसलमानों के घरों और दूकानों को ढहा दिया गया.

मौलाना असद मदनी ने कहा कि देश का माहौल इस वक्त बेइंतेहा खराब हो चुका है.. धार्मिक उग्रवाद और नफरत की एक काली आंधी पूरे देश में चलाई जा रही है..  मुसलमानों को डराने की, उनके खिलाफ जगह-जगह साजिशें की जा रही है.

उन्होंने कहा कि मुस्लिम मोहल्लों में खासतौर से मस्जिदों के सामने मुस्लिमों को उकसाया जा रहा है और यह सब पुलिस की मौजूदगी में हो रहा है.. लाठी-डंडे हवा में लहरा लहरा के नफरत से भरे नारे लगाए जा रहे हैं और यह सब देखते हुए भी सब मूक दर्शक बने हुए हैं.

उन्होंने कहा ऐसा लगता है जैसे देश में अब न तो कोई क़ानून रह गया है और ना ही कोई सरकार जो उन्हें पकड़ सके.. मौलाना मदनी ने कहा सांप्रदायिक द्वारा मुसलमानों का जीना दूभर किया जा रहा है और केंद्र सरकार इस बात पर पूरी तरह चुप है जैसे यह कोई बात ही ना हो.