देवानंद की आखिरी ख्वाहिश क्या थी यह जानकर आप रह जाएंगे दंग आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे आखिरी ख्वाहिश देवानंद की जान कर
देवानंद की आखिरी ख्वाहिश क्या थी यह जानकर आप रह जाएंगे दंग आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे आखिरी ख्वाहिश देवानंद की जान कर आप शायद सोच भी नहीं सकते होंगे उस तरह की ख्वाहिश को अपनाना लेकिन एक वर्ग ऐसा है जो कहीं ना कहीं देवानंद की आखिरी ख्वाहिश को खुद भी अपनाना चाहेगा|
हर किसी की अपनी आखिरी ख्वाहिश होती है और यह आखिरी ख्वाहिश उन दिनों जन्म लेती है जब उसको लगता है कि अब वह दुनिया से अलविदा कहने वाला है| ऐसे ही कुछ Dev anand के साथ भी हुआ था जिन्हें एहसास हो गया था कि अब वह दुनिया से रुखसत होने वाले हैं और उन्होंने अपने बेटे से अपनी आखिरी ख्वाहिश का इजहार किया था जिसको उनके बेटे ने पूरा भी किया|
आप सोच रहे होंगे कि आखिर क्या थी वह आखिरी ख्वाहिश
सदाबहार हीरो के तौर पर देवानंद का नाम लिया जाता है 88 उम्र तक उन्होंने इस दुनिया में अपना वजूद कायम रखा और अपनी जिंदगी में वह हमेशा ही बहुत पॉजिटिव रहे |हमेशा ही अपने को जवान और हैंडसम माना| यही वजह थी कि हमेशा ही वह हीरो के तौर पर ही नजर आते रहे फिल्मों में| भले ही उनकी उम्र कितनी भी हो गई हो लेकिन उन्होंने कभी भी उम्र को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया हमेशा ही फिल्मों में अपर हैंड ही रखा|
एक वक्त था जब देवानंद के ऊपर ब्लैक सूट बैन कर दिया गया था क्योंकि ब्लैक सूट पहनकर देवानंद हसीनाओं पर बिजलियां गिराते थे| उनके वक्त में हसीनाएं उनकी झलक देखने के लिए किसी भी हद को पार करने के लिए तैयार रहती थी और अगर उनको ब्लैक सूट में देख ले तो हसीनाएं अपना आपा खो देती थी| कुछ ऐसे इंसिडेंट हुए थे उनकी लाइफ में जब उन्होंने ब्लैक सूट पहन रखा था और उन इंसिडेंट ने मजबूर कर दिया था कि देवानंद पर ब्लैक सूट पब्लिक प्लेस पर पहनने के लिए बैन लगा दिया जाए|
ब्लैक सूट हमेशा देवानंद की पहली पसंद रहा है वह ब्लैक सूट पहनना बहुत पसंद करते थे क्योंकि वह उनके ऊपर बहुत ज्यादा जचता था| बेहद हैंडसम हुआ करते थे देवानंद उनकी हर अदा पर लाखों दिल मचल उठते थे|
अपना स्टारडम और अपनी पर्सनालिटी को वह कभी भी धूमिल नहीं होने देना चाहते थे| उनका मानना था की इंसान जब मरता है तो जो चेहरा उसका आखिरी वक्त में दुनिया के सामने आता है यानी कि अर्थी पर लेटा हुआ जो चेहरा इंसान का दुनिया के सामने पहुंचता है दुनिया उसी चेहरे को हमेशा के लिए अपने दिलो दिमाग में बैठा लेती है|
भूल जाती है कि जो शख्स आज अर्थी पर है और जिस में कोई जान नहीं बची जिसकी वजह से उसका चेहरा भी मुरझा गया है लेकिन यही चेहरा कभी बहुत दिलकश हुआ करता था |उस दिलकश चेहरे को दुनिया भुला देती है और याद रखती है तो बस आखिरी वक्त का चेहरा यह बात देवानंद हमेशा कहा करते थे|
इसी वजह से देवानंद की आखिरी ख्वाहिश थी कि उनके मरने के बाद उनका चेहरा दुनिया के सामने ना लाया जाए
उनके मृत चेहरे को कोई ना देखें क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि दुनिया उनके उस चेहरे को याद रखें जो दुनिया से अलविदा कहते हुए था बल्कि उस चेहरे को याद रखें जिसने हमेशा ही सब के दिलों पर राज किया है अपने पर्सनालिटी के दम पर|
देवानंद का निधन 3 दिसंबर 2011 को वाशिंगटन के एक होटल के रूम में हुआ था जहां पर उन्हें heart attack पड़ा था | देहांत से पहले उन्हें एहसास हो गया था कि अब वह अपने आखिरी दौर में हैं तभी उन्होंने अपनी आखिरी ख्वाहिश अपने बेटे को बताई थी की उनके मरने के बाद उनका चेहरा किसी को ना दिखाया जाए और यही वजह है कि आज तक देवानंद के मरने की एक भी तस्वीर कहीं नहीं देखी गई क्योंकि उनकी आखिरी ख्वाहिश के मुताबिक उनके आखिरी वक्त की तस्वीर किसी को देने की इजाजत नहीं दी गई थी|
यहां तक कि उनके आखिरी rites में भी उनकी body को coffin में ले जाया गया था जिससे उनका मृत चेहरा कोई ना देख सके और इस तरह से उनके बेटे ने अपने पिता की आखिरी ख्वाहिश को जिंदा रखा शायद इसीलिए आज भी जब dev anand को याद किया जाता है तो वही हसीन खूबसूरत चेहरा सबकी आंखों के सामने घूम जाता है|