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उबैद कमाल वह क्रिकेटर जो इंडिया खेलने से चूक गया.

उबैद कमाल वह क्रिकेटर जो इंडिया खेलने से चूक गया अपने वक्त का बड़ा दावेदार था इंडियन क्रिकेट टीम का.

90 के दशक में  उबैद कमाल वह क्रिकेटर थे जो इंडियन क्रिकेट टीम के बड़े दावेदार थे फास्ट बॉलिंग में..90 के दशक का चमकता हुआ सितारा उबैद कमाल राजनीति का शिकार होते हुए धूमिल हो गया ..

उत्तर प्रदेश से रणजी ट्रॉफी खेलनी शुरू की ..तीन सीजन खेलें उत्तर प्रदेश से रणजी ट्रॉफी के, जिसमें पहले सीजन में एक मैच मिला, दूसरे सीजन में एक मैच मिला खेलने के लिए और दोनों ही सीजन के एक- एक मैच में तीन और पांच विकेट लिए

.पहले 2 साल उत्तर प्रदेश से रणजी के लिए मैचेस ना के बराबर मिले खेलने के लिए लेकिन उनकी फास्ट बॉलिंग के चर्चे हर तरफ शुरू हो गए थे..

तीसरे सीजन का इंतजार करते हुए  उबैद कमाल ने 1 साल और निकाला और तीसरे सीजन में उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले बॉलर बने.उत्तर प्रदेश की क्रिकेट की राजनीति में दिल नहीं लग रहा था , तय कर लिया था उत्तर प्रदेश छोड़कर किसी और स्टेट से आगे का सफर तय करेंगे.

बिशन सिंह बेदी ने पकड़ा हाथ.

बिशन सिंह बेदी ने उबैद कमाल का हाथ पकड़ा और उन्हें पंजाब से खेलने के लिए ऑफर किया.. कमाल ने पंजाब से खेलते हुए पंजाब क्रिकेट को ऊंचाइयों प्रदान की और अपना भी नाम हर तरफ रोशन किया.. उस वक्त पंजाब से उबैद के अलावा फास्ट बॉलिंग में भूपेंद्र सिंह सीनियर भी रेस में थे.

यहां भी राजनीति का शिकार हुए.. उबैद बताते हैं के बिशन सिंह बेदी ,भूपेंद्र सिंह सीनियर को ज्यादा तवज्जो देते हुए उनके हिसाब से विकेट तैयार करवाते और भूपेंद्र सिंह सीनियर से उस एंड से बॉलिंग कराते ,जहां से उनको मदद मिलती और दूसरे एंड से उबैद बोलिंग करते जो एंड स्पिनर्स को मदद करता था.

बावजूद इसके उबैद ने उस वक्त अच्छा क्रिकेट खेला और पूरे हिंदुस्तान में अपनी एक अलग पहचान बनाई.

बिशन सिंह बेदी की उस वक्त काफी सुनी जाती थी बीसीसीआई में और उसी के चलते उबैद कमाल कहते हैं की उनकी जगह बिशन सिंह बेदी ने भूपेंद्र सिंह को ज्यादा अहमियत दी और बाद में बिशन सिंह बेदी खुद इस बात की को मानते थे कि उन्होंने भूपेंद्र सिंह सीनियर को उबैद के ऊपर रखा जो कि उनकी भूल थी.

सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ जैसे बैट्समैन को भी आउट किया है उबैद ने जब -जब उन्हें मौका मिला.. सचिन तेंदुलकर को दो बार आउट किया और राहुल द्रविड़ को 3 बार आउट किया.. उबैद कमाल को कपिल देव भी काफी मानते थे.

खिलाड़ी हमेशा खेल से जुड़ा रहता है उसी तरह से उबैद कमाल आज भी क्रिकेट से जुड़े हुए हैं.. कुछ साल पहले उत्तराखंड के लिए चीफ सिलेक्टर की भूमिका निभा रहे थे और अब यूपी 25 क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं

.इसके साथ ही उनका लक्ष्य है कि वह अपनी मेहनत और अपना टैलेंट आने वाले यूथ को दे सकें.. फास्ट बॉलर्स को सही राह और उनको सही टेक्निक सिखाने में आज भी सारा ध्यान केंद्रित किए हुए हैं..

1 thought on “उबैद कमाल वह क्रिकेटर जो इंडिया खेलने से चूक गया.”

  1. शोहरत की बुलंदी अल्लाह की रहमत से और कामयाबी भी अल्लाह के करम से है हाँ मगर लोगों की अपनों की दुआएं किस्मत बदल देती हैं

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