भूषण कुमार रेप केस क्लोजर रिपोर्ट खारिज की कोर्ट ने.
भूषण कुमार रेप केस क्लोजर रिपोर्ट खारिज की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने और साथ ही दो investigating ऑफिसर के खिलाफ action के आदेश दिए.
मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भूषण कुमार रेप केस में 2 investigating ऑफिसर के खिलाफ आदेश जारी किया.. कोर्ट ने पाया कि दो इन्वेस्टिगेटिंग ऑफीसर ने लीगल एस्पेक्ट्स को जानबूझकर नजरअंदाज किया रेप केस में.
जुलाई 2021 में भूषण कुमार जो कि म्यूजिक कंपनी के ओनर है, फिल्म प्रोड्यूसर है उनके खिलाफ एक एक्ट्रेस ने रेप, चीटिंग और धमकाने का आरोप लगाया था आरोप लगाने वाली महिला ने भूषण कुमार पर काम देने के बदले और झूठे वादे करते हुए उनका 3 साल तक रेप किया यह इल्जाम लगाया था.
महिला का आरोप था के 2017 से 2020 तक भूषण कुमार ने उन्हें काम देने का वादा करके उनके साथ तीन अलग-अलग जगहों पर उनके साथ रेप किया.
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आर आर खान ने कहा की महिला ने अपने निजी फायदे के लिए क्रिमिनल लॉ का इस्तेमाल किया लेकिन दूसरी तरफ रिपोर्ट्स यह भी बताती है कि अगर सही तरीके से इन्वेस्टिगेशन की गई होती तो रेप के चार्जेस भी साबित होते.
भूषण कुमार रेप केस की क्लोजर रिपोर्ट पर मजिस्ट्रेट ने दोनों इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर के बारे में कहा कि दोनों ने तथ्यों को नजरअंदाज किया इस केस को कमजोर करने में, इसलिए पुलिस को इस केस की जांच फिर से करने के लिए कहां गया है.
कोर्ट ने बी समरी रिपोर्ट 1 अप्रैल को ही खारिज कर दी थी लेकिन उसकी पूरी कॉपी अब जाकर अवेलेबल हुई है.
भूषण कुमार कॉन्फिडेंट थे अपने आरेस्ट को लेकर.
कोर्ट ने पाया कि भूषण कुमार काफी कॉन्फिडेंट थे अपने arrest को लेकर कि वह arrest नहीं होंगे, इसीलिए उन्होंने pre arrest bail के लिए भी ट्राई नहीं किया था और वहीं दूसरी तरफ इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर्स ने भी भूषण कुमार को arrest करने के लिए कोई attempt नहीं किया था.
यहां तक की cops ने उस महिला का स्टेटमेंट भी रिकॉर्ड नहीं कराया मजिस्ट्रेट के सामने,यही नहीं कोर्ट ने कहा जिस तरह से भूषण कुमार ने दखलंदाजी की है बी समरी रिपोर्ट में उससे ऐसा लगता है कि कि भूषण कुमार इस case से जल्द से जल्द छुटकारा पाना चाहते हैं.
एक्ट्रेस के खिलाफ भी लीगल एक्शन
कोर्ट ने एक्ट्रेस के खिलाफ लीगल एक्शन लेने के लिए कहां है क्योंकि उसने कोर्ट के सामने कहा कि उसने गलती से रेप का allegation लगा दिया. उस एक्ट्रेस के इस बयान पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उसने कानून का गलत इस्तेमाल किया है, जो कानून जरूरतमंदों के लिए बना है.
अपने 9 पेज के आर्डर में कोर्ट ने डीसीपी जोन 9 को इस केस में जांच करने के लिए कहां है.. जिसमें cops के खिलाफ एक्शन लेने के लिए कहा गया है. जिसने इन्वेस्टिगेशन पूरी तरह से नहीं की.. ना ही उसने होटल के रिकॉर्ड पेश किए और ना ही सीसीटीवी कैमरे का footage पेश किया.
कोर्ट ने कहा कि रेप जैसे hinious क्राइम का सच सामने आना जरूरी है और इसके लिए मौजूदा सबूतों को पेश करना, उनको इकट्ठा करना इस केस के लिए बहुत जरूरी है.