नक्सलियों के चुंगल से बच कर निकले थे धर्मरावबाबा अत्राम
नक्सलियों के चुंगल से बच कर निकले थे धर्मरावबाबा अत्राम/ कहते हैं कि नक्सलियों का गढ़ वह गढ़ है जहां से जिंदा निकालना नामुमकिन है लेकिन एक ऐसा वीर भी हुआ है जो जिंदगी से जंग लड़ता रहा/ नक्सलियों को उनके ही गढ़ में पछाड़कर सही सलामत निकलने में कामयाब हुआ था और वह कोई और नहीं बल्कि धर्मरावबाबा अत्राम है/
महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री धर्मरावबाबा अत्राम 17 दिन तक नक्सलियों के बंधक बन कर रहे थे और बेहद मुश्किल वक्त काटा था नक्सलियों के बीच/ हर समय जिंदगी और मौत के बीच खेल चल रहा था लेकिन धर्मरावबाबा अत्राम ने हिम्मत नहीं हारी थी और वह अपनी जान बचाने में कामयाब हुए थे/
कैबिनेट मंत्री धर्मरावबाबा अत्राम की जिंदगी पर बनी है फिल्म
धर्मरावबाबा अत्राम की जिंदगी पर फिल्म बनी है जिसका नाम है धर्मरावबाबा अत्राम दिलों का राजा/ इस फिल्म का ट्रेलर मुंबई में हाल ही में लॉन्च किया गया जिसको लॉन्च करने पहुंचे थे राज्य सभा सदस्य प्रफुल्ल पटेल /उनके अलावा भी बहुत सारी जानी-मानी हस्तियां इस इवेंट पर मौजूद थी धर्मरावबाबा अत्राम की जिंदगी पर बनी फिल्म को प्रोड्यूस किया है नीतू जोशी ने/
अपनी जिंदगी पर बनी इस फिल्म में खुद धर्मरावबाबा अत्राम ने एक्टिंग की है /पॉलिटिक्स में रहते हुए भी अपने को एक्टिंग से दूर नहीं रख पाए धर्मरावबाबा अत्राम और उन्होंने अपने किरदार को खुद निभाया है फिल्म के अंदर/
काफी इंटरेस्टिंग कहानी है क्योंकि इसमें वह संघर्ष देखने और सुनने मिलेगा जो शायद अभी तक नहीं देखा गया क्योंकि 17 दिन तक नक्सलियों के बीच में रहना बंधक बनकर बहुत बड़ा चैलेंज था /
इस फिल्म में वह सब दिखाया गया है कि किस तरह से पल-पल जिंदगी मौत के हाथ में थी और क्या कुछ सहना पड़ा जीवित रहने के लिए नाले का पानी भी पीना पड़ा/
इस तरह के बहुत सारे इंसिडेंट हैं जो नक्सलियों के बीच रहते वक्त हुए थे/ वह सब दिखाए गए हैं इस फिल्म में/ अभी तक लोगों ने एक्टर्स की और दूसरे पॉलीटिशियंस की जिंदगी पर बनी फिल्में देखी हैं लेकिन धर्मरावबाबा अत्राम की जिंदगी पर बनी यह फिल्म देखना दिलचस्प होगा क्योंकि इस फिल्म में सिर्फ सुनहरे पलों को नहीं बल्कि उन छड़ो को भी दर्शाया गया है जिनको देख कर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे/