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Film Tejas Review 1*

Film Tejas Review 1* कंगना राणावत की फिल्म तेजस के बारे में आपको बताते हैं

Film Tejas Review 1* कंगना राणावत की फिल्म तेजस के बारे में आपको बताते हैं की फिल्म कैसी है इसको देखना कैसा होगा  क्या बोलती है यह फिल्म

तेजस इंडियन एयर फोर्स के सोल्जर की कहानी है जो की कंगना राणावत निभा रही हैं/

फिल्म की कहानी की बात करते हैं/ देखा जाए तो कोई कहानी ही नहीं है फिल्म की/ बस दो इंसीडेंट फिल्म के अंदर डाले गए हैं जिसके ऊपर पूरी फिल्म बना दी गई/ एक कंगना राणावत को इंट्रोड्यूस करने के लिए इंसिडेंट डाला गया और इस इंट्रोडक्शन में कंगना राणावत कहीं से भी इंप्रेसिव नजर नहीं आ रही है क्योंकि उनका जो इंट्रोडक्टरी सीन है उसमें वह भागती हुई दिखाई दे रही है /

ऐसा लग रहा है कि जैसे वह बहुत ताकत लगाकर दौड़ रही हो/ उनकी ट्रेनिंग दिखाई गई है जो कि कहीं से भी सच नहीं लग रही /उसमें भी कोई कन्वेंशनल बात नहीं दिख रही/

Tejas की जिंदगी में कुछ बचता नहीं है

क्योंकि उनकी फैमिली को टेररिस्ट गोलियों से भून देते हैं और इस इंसिडेंट में कंगना राणावत एक बच्ची को बचाकर बिना घायल हुए निकल जाती हैं/ जबकि वहां मौजूद कोई भी नहीं बचता यह एक्सीडेंट कहीं से भी कन्वेंशनल नहीं था/

अब उस इंसिडेंट की बात करते हैं जो फाइनल इंसिडेंट था/ जिसके ऊपर पूरा ताना-बाना बन बूना गया/ जिसमें दिखाया गया कि एक हिंदुस्तानी स्पाई जिसे अफगानिस्तान में कहीं पकड़ लिया जाता है जो की इलाका पाकिस्तान से बहुत करीब है और उसको बचाने के लिए कंगना को उस मिशन का हेड चुना जाता है /

उस मिशन का नाम दिया जाता है तेजस/ इस ऑपरेशन को पूरा करना या जो भी उसमें दिखाया गया कहीं से भी कन्वेंशनल नहीं था/ ऐसा लग रहा था जैसे बचपन में बच्चे चोर सिपाही खेलते हैं और कुछ भी कर लेते हैं और उन्हें कुछ नहीं होता ठीक वैसे ही इस मिशन को दिखाया गया है /

जहां पर कंगना राणावत और उनके दोस्त जो की वह भी एयरफोर्स में है वह किसी तरह से पाकिस्तान की सरजमीं पर अपने क्राफ्ट लेकर उतर जाती हैं और वहां की आर्मी को इस बात का पता भी नहीं चलता /

Film Tejas Review 1* ऐसा लगता है कि पाकिस्तान की आर्मी बिल्कुल नकारा है

जिसे अपने रनवे पर कुछ दिखाई नहीं दे रहा/ फिर वहां से कंगना राणावत अपने साथी को बचाने के लिए पैदल ही चली जाती हैं रेगिस्तान के एरिया में जो कि पाकिस्तान से आधा घंटा दूरी पर है /

रेगिस्तान इतना बड़ा दिखाया है जिसको पार करने में कई घंटे लग जाए लेकिन आधे घंटे में कंगना राणावत वहां पहुंच जाती हैं /जितने भी आतंकवादी होते हैं उनको सबको मार देती हैं और अपने साथी को बचा लेती हैं और वापस पाकिस्तान के आर्मी एयर बेस पर पहुंच जाती हैं/

वहां के आर्मी कमांडर को गोली मार के अपने फाइटर प्लेन में बैठ जाती हैं और पूरा मिशन कंप्लीट करके वापस आ जाती है लेकिन इसमें एक और भी मोड़ आता है/ जब दिखाया जाता है कि हिंदुस्तानी स्पाई खबर देता है कि राम मंदिर में बम रखा गया है/ उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है और इसका सरगना पाकिस्तान में बैठा है जो पूरी कंस्पायरेसी को रचता है/

राम मंदिर में होने वाले ब्लास्ट को हिंदुस्तानी कमांडोज बचा लेते हैं

और इधर कंगना अपना फाइटर प्लेन लेकर उस जगह पर crash करती हैं जहां पर वह आतंकवादी सरगना बैठा है और इस तरह से फिल्म खत्म होती है/

इस पूरे मिशन में कोई भी सीन कन्वेंशनल नहीं था सब ऐसा लग रहा था फेक है/ लग रहा था जैसे बच्चे आपस में खेल रहे हो /ईस तरह से सारे सीन पिक्चराइज किए गए/

कंगना राणावत  फिल्म को लीड कर रही हैं और आपको बता दें फिल्म मैं कंगना राणावत के चेहरे पर उम्र काफी हावी नजर आ रही है/ colour correction और जबरदस्त मेकअप के बावजूद कंगना कि फाइन लाइंस नहीं छूप रही/ वहीं उनका चेहरा भी बहुत फुला हुआ आया है फिल्में में जो की काफी ज्यादा डिसएप्वाइंटिंग है उनके फैंस के लिए/

Film Tejas Review 1* बात करते हैं कैप्टन ऑफ द शिप यानी कि डायरेक्टर की

जैसे कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि फिल्म की कहानी में कोई दम नहीं है और ऐसे में डायरेक्शन का एरिया भी बहुत खराब दिखा क्योंकि अगर कहानी में दम नहीं था तब भी अगर डायरेक्शन में दम होता तो फिल्म को कुछ तो सहारा मिलता लेकिन डायरेक्शन में कोई दम नहीं था/ पूरी फिल्म patchy लग रही थी/ ऐसा लग रहा था कि अलग-अलग scenes को अलग-अलग वक्त में फिल्मकार उनको आपस में जोड़ दिया गया है/ बस फिल्म को कंप्लीट करने के उद्देश्य से/

फिल्म तेजस को देखना पूरी तरह से time बर्बाद करना और पैसा बर्बाद करना है /इस फिल्म को हम देते हैं सिर्फ 1*/