Javed akhtar Shabana azmi Holi celebration
Javed akhtar Shabana azmi Holi celebration इस बार खूब troll हो रही है सोशल मीडिया पर/
शबाना आज़मी और जावेद अख्तर दोनों ही इस्लाम धर्म से ताल्लुक रखते हैं और ऐसे में आजकल रमजान चल रहे हैं और यह रमजान का महीना मुस्लिम समाज के लिए सबसे मुबारक और अफजल महीना कहा जाता है और मुसलमान पूरे महीने रोजे रखते हैं/
पूरे महीने रोजे रखना यह अपने में ही एक अल्लाह की कुदरत है वरना किसी इंसान के बस की बात नहीं है कि वह पूरे महीने अपनी भूख और प्यास को बर्दाश्त करें/
रमजान के महीने में सिर्फ मुस्लिम समाज ही नहीं बल्कि हिंदू समाज, सिख समाज, क्रिश्चियन समाज हर कोई इस महीने की बड़ी इज्जत करता है और इस बात का एहतराम करता है कि रोजेदार के सामने वह लोग भी कुछ खाने पीने से परहेज करते हैं/
रमजान के महीने में ही होली भी आई और आमतौर पर तो होली देश का हर इंसान मनाने की कोशिश करता है/ रंगों में डूबता है लेकिन रमजान के महीने में मुस्लिम समाज के लोग अपनी इबादत में लगे रहते हैं और इसके लिए दूसरा समाज उनकी इज्जत भी करता है लेकिन शबाना आज़मी और जावेद अख्तर के घर पर हर साल की तरह इस बार भी जमकर होली का जश्न मनाया गया जिसको लेकर सोशल मीडिया पर दोनों को खूब troll किया जा रहा है/
समाज के दबाव में रहते हैं जावेद अख्तर शबाना आज़मी !
कहने को तो मुस्लिम समाज से ताल्लुक रखते हैं जावेद अख्तर और शबाना आज़मी लेकिन रमजान जैसे मुबारक महीने में भी रोजों का कोई एतराम नहीं /खुल्लम-खुल्ला अपने घर पर पार्टी रखते हैं जहां पर और भी बहुत सारे लोग पहुंचते हैं लेकिन हर कोई उनसे यह जरूर पूछता होगा कि आप रोजे से नहीं है/
अगर रोजे ना भी रखें तो उसका एतराम तो करना चाहिए शबाना आज़मी और जावेद अख्तर ने अगर एहतराम किया होता है रोजे का तो यकीन जितने भी guest उनके आए थे वह कोई भी बुरा न मानता बल्कि उनकी नजर में जावेद अख्तर शबाना आज़मी की इज्जत और बढ़ जाती कि वह रोजे का एहतराम कर रहे हैं/
सोशल मीडिया पर जमकर दोनों को लताड़ा जा रहा है/ कहां जा रहा है कि अपना नहीं तो जिस धर्म को मानते हो उसका ही ख्याल करके उसकी इज्जत कर लेते / खुल्लम-खुल्ला बताने की क्या जरूरत है कि तुम रोजे नहीं रखते/
इस तरह के तमाम कमेंट पढ़ने मिल रहे हैं सोशल मीडिया पर/