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लता मंगेशकर अकेडमी बनेगी मुंबई में

लता मंगेशकर अकेडमी बनेगी मुंबई में कलिना यूनिवर्सिटी के सामने.

लता मंगेशकर अकेडमी बनेगी मुंबई में कलिना यूनिवर्सिटी के सामने. एनसीपी लीडर नवाब मलिक ने जानकारी देते हुए बताया कि कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है, की कलिना में यूनिवर्सिटी के सामने जो जगह पड़ी है. इसकी कीमत करीब 12 सौ करोड़ रुपए है. उस जगह पर लता मंगेशकर एकेडमी बनाई जाएगी और वहां पर अंतरराष्ट्रीय दर्जे का लता मंगेशकर  स्मारक बनाया जाएगा. इसके अलावा उस ग्राउंड में लता मंगेशकर एग्जीबिशन भी बनाई जाएगी, जिसमें लता मंगेशकर से जुड़ी हुई तमाम यादगार चीजें रखी जाएंगी और यह आम जनता के देखने के लिए होगा.

शिवाजी पार्क में स्मारक बनने के लिए मांग उठी थी.

शिवाजी पार्क में स्मारक बनने के लिए मांग उठी थी, की लता मंगेशकर का स्मारक शिवाजी पार्क में ही बनाया जाए जहां पर उनका अंतिम संस्कार किया गया था और इस बात ने काफी तूल पकड़ी थी. विपक्ष लगातार महाराष्ट्र सरकार पर दबाव बनाए था की लता मंगेशकर का स्मारक उनके अंतिम संस्कार की जगह पर ही बनाया जाए लेकिन कैबिनेट में स्मारक और अकैडमी की जगह का प्रस्ताव पास हो गया है. लता मंगेशकर एकेडमी और स्मारक दोनों ही कलिना में यूनिवर्सिटी के सामने बनेगा.. सूत्रों के मुताबिक इस एकेडमी को बनने में तकरीबन 2 साल का समय लगेगा.

पेडर रोड का नाम लता मंगेशकर के नाम पर रखने की अपील.

पेडर रोड का नाम लता मंगेशकर के नाम पर रखने की अपील की है लेखकों पत्रकारों और कलाकारों की पुरानी संस्था ”आधारशिला” ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से राष्ट्रीय फिल्म संग्रहालय और पेडर रोड का नाम लता मंगेशकर के नाम पर रखने की अपील की है.पीएम नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेटर लिखा गया है जिसमें अपील की गई है कि राष्ट्रीय फिल्म संग्रहालय के नाम के साथ शुरुआत में लता मंगेशकर का नाम जोड़ा जाए और उसका नाम ”लता मंगेशकर राष्ट्रीय फिल्म संग्रहालय” किया जाए क्योंकि भारतीय सिनेमा के 100 साल से अधिक के इतिहास में लता मंगेशकर का करीब 80 वर्षों तक लंबा योगदान रहा है और इतना लंबा योगदान किसी भी अन्य फिल्मी हसती का नहीं रहा है.

”आधारशिला” ने महाराष्ट्र सरकार से पेडर रोड का नाम लता मंगेशकर मार्ग रखने की अपील की है जबकि पेडर रोड का नाम बरसों पहले बदलकर डॉक्टर गोपाल राव देशमुख मार्ग कर दिया गया था लेकिन अभी भी यह पेडर रोड के नाम से ही मशहूर है. इसलिए मांग में लिखा गया है कि इस मार्ग को लता मंगेशकर मार्ग कर दिया जाए ,जिससे लता मंगेशकर के गीतों की तरह यह मार्ग भी सदियों तक उनकी याद दिलाता रहे.