एक था सुब्रत ! सहाराश्री प्यार से कहते थे सब उन्हें
एक था सुब्रत ! सहाराश्री प्यार से कहते थे सब उन्हें यह वह शख्सियत जो लाखों दिलों में किसी चिराग कि तरह रोशन है और रोशन रहेगी भले वह आज दुनिया में ना हो/
सहाराश्री के नाम से उन्हें सब आदर के साथ बुलाते थे/ यह वह शख्सियत जिसने लाखों लोगों को रोजगार दे रखा था और बिना कोई एहसान जताए /लाखों लोगों के परिवार को रोजी-रोटी मुहैया करा रहे थे /निस्वार्थ जनसेवा करना उनकी आदत थी/जब भी ,जो भी, कोई भी उनके पास पहुंचा अपनी कोई भी फरियाद लेकर कोई भी मदद मांगने के लिए कभी उसको खाली हाथ नहीं लौटाया हमेशा हर किसी की मदद की/
देश के प्रति उनका स्नेह प्यार किसी से छुपा नहीं है कारगिल में शहीद हुए सोल्जरस् के परिवारों को लगातार मदद भेजते रहे /26/11 हमले में शहीद हुए पुलिस कर्मियों को उनके परिवार को लगातार मदद करते रहे /यह नहीं सोचा कि इनके परिवार को तो सरकार की तरफ से भी मदद आती है /उनके परिवार को लेकिन अपनी मदद भी भेजते रहे लगातार और इस बात का कोई गुणगान नहीं किया /कोई ढिंढोरा नहीं पीटां किसी से /
सभी पर वक्त ऊपर नीचे आता है और सहारा श्री पर भी वक्त ने कड़े तेवर दिखाये
लेकिन उन हालातो में भी सहारा श्री ने अपने वर्कर्स को जिनका अपना परिवार मानते हैं उन पर कोई आच नहीं आने दी/
कोरोना काल में जब हर जगह ताले लग गए थे कोई काम नहीं हो रहा था लोगों की नौकरियां जा रही थी /लोग भुखमरी की कगार पर आ गए थे ऐसे मौके पर भी सहारा श्री ने अपने 10 लाख लोगों के परिवार को नहीं छोड़ा उन्होंने सबको घर बैठा कर सबके खाने पीने का इंतजाम किया/ हर किसी के अकाउंट में वक्त पर सैलरी भेजते रहे जबकि कोई कुछ काम नहीं कर रहा था उसके बावजूद उन्होंने ना तो किसी को नौकरी से निकला और ना ही किसी की सैलरी रोकी यह शान थी सहारा श्री की/
आपने उसूलों के मालिक थे सहारा श्री /जब हालात अच्छे थे उस वक्त हर किसी के बैंक अकाउंट में सैलरी 1 तारीख को आ जाया करती थी/ यह उनके ऑर्डर थे अगर 1 तारीख को संडे पड़ रहा है या कोई और छुट्टी है तो 1 तारीख से पहले ही यानी की एक महीने में दो-दो सैलरी लोगों के अकाउंट में आ जाया करती थी/
एक बार ऐसा भी हुआ की सैलरी 1 तारीख के बजाय 2 तारीख को अकाउंट में ट्रांसफर हुई और यह बात सहारा श्री को पता चल गई इस पर उन्होंने इंक्वारी बैठा दी थी सख्त एक्शन लिया गया था उन लोगों के खिलाफ जिन्होंने सैलरी को ट्रांसफर करने में एक दिन की देरी कर दी थी/ इन खूबियों के मालिक थे सारा श्री सहारा श्री
Very nice article
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