Skip to content

सचिन तेंदुलकर 315 बस नंबर देखकर nostalgic हो गए

सचिन तेंदुलकर 315 बस नंबर देखकर nostalgic  हो गए पुराने दिन याद आ गए सचिन को.

सचिन तेंदुलकर 315 बस नंबर देखकर नॉस्टैल्जिक हो गए, पुराने दिनों की यादों में खो गए जब वह बस से सफर किया करते थे.

क्रिकेट की दुनिया के बेताज बादशाह है सचिन तेंदुलकर जितनी भी तारीफ की जाए कम है. भारत का मान है. भारत का सम्मान है. अपने क्रिकेट से उन्होंने पूरी दुनिया का दिल जीता और उसी दिल में आज भी बेस्ट कि बस 315 की यादें बसी हुई है. जब वह इस बस से प्रैक्टिस करने के लिए जाया करते थे.

बस नंबर 315 बांद्रा कलानगर से शिवाजी पार्क तक जाती थी और शिवाजी पार्क से वापस कलानगर आती थी और इसी बस में सचिन तेंदुलकर बांद्रा अपने घर से बैठकर शिवाजी पार्क जाते थे क्रिकेट प्रैक्टिस के लिए.

315 नंबर बस को देख कर सचिन तेंदुलकर  भावुक हो उठे और उन्होंने बताया कि कैसे वह इस पर सफर करते थे औरउनकी कौन सी सीट सबसे खास थी. तेंदुलकर बताते हैं कि जब वह शिवाजी पार्क से लौटते थे तो इसी बस में वह सबसे पीछे वाली सीट पर जो की विंडो सीट थी उस पर बैठकर और खिड़की पर सर रखकर ठंडी हवा खाते लौटते थे और अक्सर इतना थके होते थे कि उसी में सो जाते थे.

सचिन ने अपना एक वीडियो शेयर किया सोशल मीडिया पर जिसमें आप देख सकते हैं कि कितना एक्साइटेड है सचिन तेंदुलकर अपनी पुरानी यादों को याद करके. चलिए आपको भी दिखाते हैं सचिन का वह वीडियो.

आज भी अक्सर शिवाजी पार्क जाते हैं

सचिन तेंदुलकर जमीन से जुड़े हुए इंसान हैं, वह अक्सर आज भी शिवाजी पार्क चले जाया करते हैं. जिस विकेट पर वह प्रैक्टिस किया करते थे वहां पर जाकर प्रैक्टिस कर रहे लोगों के साथ खुद भी खेलने लगते हैं.

तकरीबन 3 साल पहले सचिन का एक वीडियो आया था जिसमें कहीं से वह रात में लौट रहे थे और उन्होंने सड़क किनारे कुछ लड़कों को क्रिकेट खेलते देखा तो अपनी कार वही रोक ली और उतरकर उन लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने लगे..सड़क पर खेलते हुए लड़के सचिन की सादगी पर निसार हो रहे थे.. सचिन को वह लोग बॉलिंग कर रहे थे और सचिन बड़े मजे से सड़क पर उन लड़कों के साथ बैटिंग के मजे ले रहे थे.

भारत रत्न की यही शान है के वो आज भी अपने पुराने दिनों को नहीं भूला है बल्कि शान के साथ सबको पैगाम देता है कि जीवन में कुछ भी पालो लेकिन अपनी जमीन को कभी मत भूलो.