शाहरुख खान ने पढ़ा फातिहा लता मंगेशकर की रूह की शांति के लिए.
शाहरुख खान ने फातिहा पढ़ा लता मंगेशकर की रूह की शांति के लिए, उनके पार्थिव शरीर के पास खड़े होकर.मुस्लिम समुदाय में जब किसी का निधन हो जाता है तो उसकी रूह की शांति के लिए फातिहा पढ़ा जाता है.. जिसमें दुआएं होती हैं ,जिस से मरने वाले कि रूह को सुकून मिल सके और उसे जन्नत मिले.शाहरुख खान ने लता मंगेशकर की रूह की शांति के लिए फातिहा पढ़ा. इसके बाद हर तरफ शाहरुख खान की इस बात के खूब चर्चे हो रहे हैं क्योंकि शाहरुख खान सिर्फ वहां पर लता मंगेशकर के आखरी दर्शन करने नहीं बल्कि उनके लिए दुआ भी करके आए.. शाहरुख खान के साथ उनकी मैनेजर पूजा डडलानी भी थी..
लता मंगेशकर के आखिरी सफर पर शिवाजी पार्क में पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम बड़े नेता मौजूद रहे. इसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी मौजूद थे.. पिछले दिनों उद्धव ठाकरे की तबीयत खराब चल रही थी. उनका ऑपरेशन हुआ था. जिसकी वजह से उद्धव ठाकरे बहुत कम नजर आ रहे थे और काफी टाइम के बाद लता मंगेशकर के अंतिम संस्कार में उनको देखा गया अपनी पत्नी के साथ.
क्रिकेट जगत से सचिन तेंदुलकर भी मौजूद थे
सचिन तेंदुलकर को लता मंगेशकर बहुत प्यार करती थी और सचिन तेंदुलकर भी लता मंगेशकर को मां का दर्जा देते थे.
बॉलीवुड जगत भी लता मंगेशकर के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचा.. जिसमें अमिताभ बच्चन अपनी बेटी के साथ लता मंगेशकर के घर पर पहुंचे थे शिवाजी पार्क में शाहरुख खान के अलावा आमिर खान, जावेद अख्तर, रणबीर कपूर, अनुपम खेर, शंकर महादेवन, श्रद्धा कपूर, पद्मिनी कोल्हापुरी जैसे और भी तमाम बॉलीवुड के चेहरे मौजूद थे जो नम आंखों से लता मंगेशकर को विदाई दे रहे थे.
मेरी आवाज ही पहचान है.
मेरी आवाज ही पहचान है गर याद रहे तो लता मंगेशकर का गाया गाना ऐसा लगता है जैसे आज ही के लिए गाया हो लता मंगेशकर ने ..अब दुनिया में लता मंगेशकर का वजूद उनकी आवाज के जरिए ही रहेगा.. जब तक दुनिया रहेगी.. जब तक लता मंगेशकर के गाने कानों में सुनाई देंगे. लता मंगेशकर का वजूद जिंदा रहेगा.
पूरे राजकीय सम्मान के साथ लता मंगेशकर को अलविदा कहा गया.. 2 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया.. महाराष्ट्र में सभी सरकारी दफ्तर 1 दिन के लिए बंद कर दिए गए.. इस तरह से भारत रतन को उनके सम्मान में उन को विदाई दी गई ..एक इत्तेफाक ऐसा है कि जिस गीत को सुनने के बाद आंखों से आंसू जारी हो जाते हैं ”ऐ मेरे वतन के लोगों” जिसे लिखा था प्रदीप ने और उसको गाया था लता मंगेशकर ने.. प्रदीप उनका जन्मदिन 6 फरवरी को होता है और 6 फरवरी को ही लता मंगेशकर ने दुनिया को अलविदा कह दिया.