शाहरुख की जवान क्रांतिकारी फिल्म बनकर उभर रही है सिर्फ शाहरुख की वजह से फिल्म हिट नहीं हो रही
शाहरुख की जवान क्रांतिकारी फिल्म बनकर उभर रही है सिर्फ शाहरुख की वजह से फिल्म हिट नहीं हो रही बल्कि इस फिल्म में जो मुद्दे उठाए हैं शाहरुख नेउनके ऊपर ज्यादा तालियां बज रही हैं पिक्चर हॉल में/
फिल्म में उन मुद्दों को उठाया है जिनके ऊपर बात करना किसी भी स्टारस के बस की बात नहीं थी आम जिंदगी में लेकिन शाहरुख ने सीधे अपनी फिल्म में उन मुद्दों पर बात उठाई है और सीधे चोट की है सिस्टम पर/
फिल्म स्टार्स चाहे कोई भी हो जो मैं लीड में नजर आते हैं/उनके अंदर कभी भी इतनी हिम्मत नहीं रही कि वह समाज में हो रहे किसी भी अन्याय के खिलाफअपनी आवाज बुलंद कर सकें बल्कि वह तो हमेशा ही डरे छुपे रहते हैं कि कहीं अगर किसी मुद्दे पर बात कर ली तो उनके खिलाफ कोई ना कोई मोर्चा खोल देगा और उनकी फिल्मों को नुकसान होगा लेकिन किंग खान शाहरुख खान नेसिर्फ बात नहीं की बल्कि अपनी फिल्म में तीन बड़े मुद्दों पर चोट की है/
वह भी बड़ी गहरी और इसी वजह से शाहरुख खान की फिल्म लोगों को पसंद आ रही है और वह शाहरुख खान की हिम्मत पर उन्हें सर आंखों पर बैठा रहे हैं/
शाहरुख खान ने वह कर दिखाया है जो किसी ने नहीं किया अभी तक सिस्टम के खिलाफ किसी ने भी मुंह नहीं खोला है सीवाय शाहरुख के/
फिल्म जवान मेंसबसे पहले तो शाहरुख ने चोट की उन उद्योगपतियों पर जो रसूक और रुतबे का नाजायज फायदा उठाकर अपना कर्ज बैंकों से माफ कर लेते हैं जबकि वहीं पर एक गरीब किसान जो कीअपना खून पसीना बहा कर अनाज उगाता है और जब नुकसान होता है उसका तो कर्जा माफ नहीं होता बल्कि उसके ऊपर जुल्म होता है और इसमें सिस्टम शामिल रहता है/
दूसरी चोट थी मेडिकल सिस्टम पर जिसमें घनघोर कालाबाजारी दिखाई गई /पेपर पर तो अस्पताल किसी फाइव स्टार होटल से कम नजर नहीं आ रहा जबकि असलियत उसके उलट थी और ऐसा ही रियल लाइफ में भी होता है/
तीसरी और मजबूत चोट शाहरुख खान ने की है पॉलिटिक्स पर आमतौर पर जहां दूसरे एक्टर्स पॉलीटिशियंस के आगे पीछे उनकी शान मैं कसीदे गणते नजर आते हैं वहीं शाहरूख ने पॉलीटिशियंस पर भी चोट की है उन्होंने खुला संदेश दिया जनता को कि जब भी अपना नेता चुनो पहले देख लो कि वह पढ़ा लिखा है कि नहीं/ वह अपने किए हुए वादों को पूरा करेगा या सिर्फ चुनावी मुद्दा बना देगा/
इलेक्शन जल्दी होने वाले हैं पूरे देश में, ऐसे में शाहरुख खान की फिल्म जवान एक नई क्रांति ला सकती है वोटर के बीच जहां उन्हें यह समझना होगा कि किसी भी नेता या किसी भी पार्टी को चुने तो पहले यह जरूर देखने की वह अपने बातों पर खरी उतरेगी कि नहीं /