छत्रपति शिवाजी महाराज की सबसे बड़ी प्रतिमा का अनावरण पुणे में किया गया.
पुणे में छत्रपति शिवाजी महाराज की सबसे बड़ी प्रतिमा का अनावरण किया गया, जिसे देखने के बाद लोग बस देखते ही रह गए.. मेटल से बने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा इतनी जागति हुई थी मानो अभी बोल पड़ेगी.
पुणे वासियों के लिए गर्व का मौका था.. शिवाजी महाराज और उनके घोड़े की प्रतिमा की हाइट 25 फिट है और यह प्रतिमा गनमेटल से बनाई गई है. जिसे पुणे में रहने वाले स्क्लप्टर दीपक दिनकर और उनके साथ काम करने वाले दूसरे कलाकारों ने मिलकर बनाया है.
पिछले 18 महीनों से दीपक दिनकर और उनके साथी शिवाजी महाराज की प्रतिमा को बनाने में दिन रात काम कर रहे थे और आखिर उनकी मेहनत रंग लाई और अट्ठारह महीने में प्रतिमा बन कर तैयार हो गई.
गनमेटल से बनी शिवाजी महाराज की प्रतिमा औरंगाबाद के मशहूर चौक क्रांति चौक पर लगाई जाएगी.
मराठा सल्तनत की आन, बान, शान.
मराठा सल्तनत की आन, बान, शान कहे जाते हैं छत्रपति शिवाजी महाराज ..19 फरवरी 1630 में जन्मे शिवाजी महाराज ने मराठा सल्तनत को नए आयाम दिए, अपनी बहादुरी से हमेशा ही दुश्मनों में खौफ पैदा करते आए और उन्होंने सशक्त मराठा फौज तैयार की.. शिवाजी महाराज के शासनकाल में बहुत सारे ”किले” तैयार किए गए, जो आज भी कायम है और अपनी दास्तान सुनाते हैं.
हिंदुस्तान में आज भी सबसे ज्यादा किले महाराष्ट्र के अंदर पाए जाते हैं .जो कि टूरिस्ट के लिए बड़ा अट्रैक्शन है.. कम ही लोग जानते हैं कि अगर पूरे हिंदुस्तान के प्रदेशों में ”किले” की बात हो तो महाराष्ट्र से ज्यादा ”किले” किसी और राज्य में स्थापित नहीं किए गए.. रायगढ़ का ”किला” जहां पर शिवाजी महाराज ने अपनी आखिरी सांस ली थी आज भी उनके शौर्य की गाथा सुनाता है और आज भी रायगढ़ फोर्ट में पूरी दुनिया से टूरिस्ट आते हैं इस ऐतिहासिक जगह को देखने के लिए जहां पर शिवाजी महाराज को छत्रपति उपाधि से नवाजा गया था.