Vivek Agnihotri ने ताजमहल पर साधा निशाना फिर छोड़ें नफरत के तीर
दुनिया भर में ताजमहल मशहूर है लेकिन Vivek Agnihotri की नजर में ताजमहल है खटक रहा है/
ट्वीट करके Vivek Agnihotri ने ताजमहल पर निशाना साधा है, ताजमहल जो मोहब्बत की निशानी है, वह मोहब्बत की निशानी Vivek Agnihotri मुर्दा ताबूतों की निशानी लग रहा है/
दुनिया भर में जब शानदार मॉन्यूमेंट्स की बात चलती है तो लोग ताजमहल का जिक्र करना नहीं भूलते /पूरी दुनिया में ताजमहल मशहूर है, पूरी दुनिया से लोग हिंदुस्तान आते हैं खासतौर से ताजमहल देखने के लिए/
मोहब्बत का जब जिक्र होता है तो उस वक्त भी लोग ताजमहल को याद करते हैं/ ताजमहल पर न जाने कितने शेर लिखा जा चुके हैं/ मोहब्बत की निशानी के तौर पर ताजमहल को देखा जाता है लेकिन यही ताजमहल निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की नजर में मकबरे से ज्यादा और नहीं/
विवेक अग्निहोत्री ने ट्वीट करके अपना हाले दिल बयां किया
ताजमहल को लेकर विवेक अग्निहोत्री ने अपने दिल की बात दुनिया के सामने रखी जिसमें साफ जाहिर हो रहा है कि उनके दिल में ताजमहल को लेकर भी कितनी नफरत है/
ताजमहल की फोटो के साथ अपने ट्वीट में विवेक अग्निहोत्री ने दिखा ”मोहब्बत का मकबरा और गरीबी के मकान एक ही फोटो में, एक तरफ दो मुर्दा ताबूतों को पैसे देकर देखते लोग, खुशबूदार बाग बागान, पीछे नदी/ दूसरी तरफ गलीच बदबूदार गलियों में मुर्दों जैसे रहते जिंदा लोग, एक दुनिया दो नजारे/
यह ट्वीट तो कर दिया विवेक अग्निहोत्री ने लेकिन इस ट्वीट में जहां उन्होंने यह सोचा कि वह अपनी नफरत ताजमहल के प्रति व्यक्त कर सकते हैं/ वहीं दूसरी तरफ वह यह नहीं सोच सके की जिस बस्ती के बारे में वह बात कर रहे हैं/
जिसको बदबूदार गलियों में मुर्दों जैसे रहते लोगों का जिक्र कर रहे हैं/ वह कहीं ना कहीं उत्तर प्रदेश सरकार पर कटाक्ष है/
हर प्रदेश की सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने प्रदेश में खुशहाली अमन सुकून पैदा करें और ऐसे में सरकार प्रयत्न भी यही करती है कि उसके प्रदेश में आमन, सुकून रहे, हर कोई खुशहाल रहे/
उत्तर प्रदेश की सरकार भी हर मुमकिन कोशिश कर रही है उसके प्रदेश में सब कुछ अच्छा रहे
लोग अच्छी जिंदगी जी सकें और काफी हद तक इस मामले में वह कामयाब भी है लेकिन ऐसे में विवेक अग्निहोत्री का ट्वीट जिसमें उन्होंने ताजमहल के पीछे की बस्ती का जिक्र किया वह कहीं ना कहीं सरकार को आइना दिखा रही है
कि उनके राज्य में लोग इस तरह जि रहे हैं/ जहां पर उन्होंने जिक्र किया बदबूदार गलियों में मुर्दों जैसे रहते हैं जिंदा लोग, एक दुनिया दो नजारे/
यहां पर समझना थोड़ा मुश्किल हो रहा है कि विवेक अग्निहोत्री ताजमहल को मकबरा और दो मुर्दा ताबूतों की तरह पेश करना चाह रहे हैं या फिर उत्तर प्रदेश सरकार को घसीट रहे हैं अपने ट्वीट में/