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राज कपूर ने पद्मिनी कोल्हापुरी को जब अपने कॉटेज में बुलाया

राज कपूर ने पद्मिनी कोल्हापुरी को जब अपने कॉटेज में बुलाया और कहीं ऐसी बात जिसको करने से इंकार कर दिया पद्मिनी ने.

राज कपूर ने पद्मिनी कोल्हापुरी को प्रेम रोग की शूटिंग के दौरान अपने कॉटेज में बुलाया और कुछ ऐसा कहा, जिसको करने से साफ इंकार कर दिया पद्मिनी कोल्हापुरी ने, जिसके बाद राज कपूर का मूड हो गया था खराब.

पद्मिनी कोल्हापुरी बताती हैं की फिल्म प्रेम रोग की शूटिंग चल रही थी और सीन का सेटअप चल रहा था. तभी राज कपूर ने उन्हें अपने कॉटेज में बुलाया और उन्हें एक ऐसा सीन करने के लिए कहा जिसके लिए पद्मिनी कोल्हापुरी कंफर्ट फील नहीं कर रही थी, वह सीन थोड़ा रिवीलिंग था.. जैसे कि आमतौर पर राज कपूर की फिल्मों में एक्ट्रेसेस के रिवीलिंग सीन होते थे. उसी तर्ज पर प्रेम रोग में भी राज कपूर अपनी हीरोइन के साथ यानी कि पद्मिनी कोल्हापुरी के साथ ऐसे ही कोई सीन पिक्चराइज करना चाह रहे थे.

जिसमें पद्मिनी कोल्हापुरी को रिवील करना था लेकिन उन्होंने सर झुका कर बड़ी सादगी के साथ राज कपूर को मना कर दिया.. पद्मिनी कोल्हापुरी की ना सुनकर राज कपूर थोड़ा नाराज हुए, गुस्से में उन्होंने पद्मिनी को यहां तक कह दिया कि वह इस सीन को शूट करने नहीं आएंगे बल्कि अपने असिस्टेंट से कराएंगे लेकिन बाद में राज कपूर शायद समझ चुके थे कि ऐसे कोई सीन की जरूरत नहीं है. इसलिए वह खुद ही बाद में सेट पर आ गए और सीन पिक्चराइज किया.

 

पद्मिनी बताती हैं कि उन्होंने चुपचाप राज कपूर से बिना किसी बातचीत के सेट पर वह सीन पिक्चराइज किया.राज कपूर साहब को शायद किसी ने उकसाया था, उनकी फिल्म मैं अगर एक्ट्रेस का कोई भी रिवीलिंग सीन नहीं होगा तो पिक्चर को बिकने मैं दिक्कत आएगी लेकिन राज कपूर समझ गए थे कि उनकी फिल्म बिना किसी रिवीलिंग सीन के भी हिट है.

पहली फिल्म थी जो बिना रिवीलिंग सीन के बनी थी.

प्रेम रोग राज कपूर की पहली ऐसी डायरेक्ट की हुई फिल्म थी जिसमें उनकी हीरोइन ने किसी भी सीन में रिवील नहीं किया था. वरना राज कपूर की डायरेक्ट की हुई कोई भी ऐसी फिल्म नहीं है जिसमें एक्ट्रेसेस ने रिवील ना किया हो.. खास बात यह होती थी उनकी फिल्मों की, की उनकी एक्ट्रेसेस के रिवीलिंग सीन फिल्म में इस तरह gel होते थे कि कहीं से भी वल्गर या आपत्तिजनक नहीं लगते थे, ऐसा लगता था मानो इस सीन की डिमांड ही थी.

राज कपूर ,पद्मिनी कोल्हापुरी को अक्सर शूटिंग के दौरान अपने कॉटेज में बुलाते थे और उनसे कहते थे कि जाकर उनकी बनाई हुई फिल्में देखें. राज कपूर का मिनी थियेटर वही हुआ करता था और पद्मिनी कोल्हापुरी अकेले उनके थिएटर में बैठकर उनकी बनाई हुई फिल्में देखा करती थी क्योंकि, पद्मिनी बताती हैं उस वक्त एक सीन से दूसरा सीन को शूट करने में लगभग 4 से 5 घंटे लगते थे.इस बीच में राज कपूर की बनाई हुई फिल्में देखती और उनसे सीखने की कोशिश करती.