₹17 एक दिन की मजदूरी मिलती थी
ओमकार दास को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था| गांव में जो लोकगीत पर नाच गाना होता था या फिर उसमें जो ड्रामा होता था उसको देखने के लिए नत्था पहुंच जाया करते थे
ओमकार दास को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था| गांव में जो लोकगीत पर नाच गाना होता था या फिर उसमें जो ड्रामा होता था उसको देखने के लिए नत्था पहुंच जाया करते थे
ओमकार दास भोपाल में स्टेज SHOWS किया करते थे और वहीं पर डायरेक्टर अनुषा रिजवी पहुंची थी कुछ कलाकारों को चुनने के लिए| अलग-अलग किरदारों के ऑडिशन हो रहे थे